महाकुंभ का उल्लेख वेदों, पुराणों और महाकाव्यों में मिलता है। श्रीमद्भागवत पुराण, विष्णु पुराण और महाभारत में समुद्र मंथन की कथा को विस्तार से बताया गया है।
शुद्धिकरण के बाद आसमीन का नाम आरती श्रीवास्तव रखा गया। इसके बाद आरती का जयवीर से वैदिक विधि विधान से विवाह सम्पन्न हुआ। दोनों ने अग्नि के सामने 7 फेरे लिए।