दिल्ली दंगों पर बात करते हुए मेजर गौरव आर्या ने कहा कि दिल्ली दंगों ने इस्लामिक कट्टरता का वो घृणित चेहरा बेनकाब किया, जिसे वो अब तक विक्टिम कार्ड खेलते हुए छुपाते फिर रहे थे। इससे पहले कश्मीर में भी संविधान बचाने के नाम पर होते आए रैलियों में कट्टरपंथी सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाते आए हैं तो वहीं 90 के दशक में आईबी से जुड़े लोगों को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया।
वहीं डिफेंसिव ऑफेंस के फाउंडर वैभव सिंह ने कहा कि एंटी-सीएए प्रोटेस्ट तो एक छलावा भर था। असल में ये एक इस्लामिक प्रोटेस्ट था, जिसमें शामिल लोगों ने हिन्दुओं के प्रतीकों को अपमानित करने से लेकर देश तोड़ने तक की बातें की। झूठ फैलाकर जगह-जगह सुरक्षाबलों पर हिंसा करने के लिए उकसाया गया और दिल्ली में दंगे करवाने के लिए जमीन तैयार की गई।
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