नाबालिग हिंदू लड़कियों के धर्म परविर्तन की खबरें लगातार सामने आती रहती हैं। नितिन गुप्ता (रिवाल्डो) ने इस मुद्दे पर खुल कर बात करते हुए बताया कि कैसे लोग जबरन धर्मांतरण के पाप पर पर्दा डालते हैं और इसे अंतरधार्मिक (Interfaith) विवाह की खूबसूरती बताते हैं।
नितिन गुप्ता का सवाल है कि जब 12-13 साल की हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन करके निकाह कर लिया जाता है, तो फिर वह अंतरधार्मिक विवाह कैसे हुआ? वह तो अंतःधार्मिक (Samefaith) विवाह हो गया और दूसरी बात 12-13 साल की लड़की की शादी तो वैसे भी अवैध है।
पश्चिम बंगाल में 28 साल के शादीशुदा शोहिदुल रहमान ने 13 साल की लड़की को उठा लिया। किसी को घर पर बुलाया, निकाहनामा पढ़वाया और बोला कि मैं तेरा शौहर हूँ, फिर उसके साथ रेप करने लगा। वह उसे नमाज पढ़ने को बोलता और जबरदस्ती कुरान की आयतें पढ़वाता।
नितिन गुप्ता आगे बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी तो वैसे ही मदरसे पर मेहरबान है। बंगाल में साइंस, मैथ से ज्यादा इस्लाम की तालीम पर खर्च किया जा रहा है। खर्च इतना जितना बांग्लादेश में भी नहीं किया जा रहा। बांग्लादेश में 14 करोड़ की आबादी में मदरसों पर 7500 करोड़ का खर्च है, जबकि पश्चिम बंगाल में 3 करोड़ की मुस्लिम आबादी में मदरसों पर खर्च 4000 करोड़ है। अगर यहाँ (पश्चिम बंगाल) 14 करोड़ आबादी हो तो मदरसों पर 20000 करोड़ का खर्च किया जाएगा।
पाकिस्तान में भी यही सब चल रहा है। 28 साल का शादीशुदा अली रजा, जिसके 4 बच्चे हैं, 14 साल की महक कुमारी को उठा कर ले गया। फिर दरगाह में जाकर धर्मांतरित करवा कर उसका नाम अलीशा कर दिया।
भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश के अलावा नितिन गुप्ता ने खबरों के उदाहरण देकर अच्छे से समझाया है कि कैसे पढ़े-लिखे (IIT वाले, पुलिस वाले, वकील आदि) मुस्लिम भी तर्क के बजाय शरिया कानूनों से न सिर्फ सोचते हैं बल्कि जनता के बीच बर्ताव भी करते हैं।
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नोट: यह एक सीरीज है, इस सीरीज का यह पहला वीडियो है। इसी सब्जेक्ट (हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन) पर और भी वीडियो आप हमारे यूट्यूब चैनल पर आगे देख पाएँगे।