Sunday, November 17, 2024
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जिस शख्स को जिंदा खाने के लिए मगरमच्छ ने दबोचा, उसने मगरमच्छ की ही आँख खा ली: कहा – मोटी चमड़ी जैसा लगा, जान बचा के भागा मगरमच्छ

डेवरॉक्स बताते हैं, "वो बहुत अजीब स्थिति थी, लेकिन तभी मेरे दाँत उसकी पलक पर लगे, वो बहुत मोटी थी, जैसे चपड़ा। लेकिन मैंने दोबारा झटका दिया तो उसने मुझे छोड़ दिया और कुछ देर मेरा पीछा करके वहाँ से चला गया।"

ऑस्ट्रेलिया में एक अजीबोगरीब घटना घटी है। यहाँ कॉलिन डेवारॉक्स नाम के एक किसान ने मगरमच्छ के चंगुल से खुद को छुड़ाने के लिए उसकी ही पलक को अपने दाँत से काट दिया। मामला पिछले महीने का है। पशु पालने वाले कॉलिन डेवरॉक्स फिनिस नदी के पास बाड़ लगाने के लिए जा रहे थे, तभी मगरमच्छ ने उनपर हमला किया। हमले के बाद कॉलिन के पाँव की हालत गंभीर है। उनका अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नदी के पास बाड़ लगाने के लिए जाते वक्त कॉलिन बिल्लाबोंग नामक झील के पास रुककर मछलियाँ देख रहे थे कि तभी अचानक उनके दाहिने पैर को 10फीट लंबे मगरमच्छ ने पकड़ लिया। उन्होंने सबसे पहले अपने बाएँ पैर से मगरमच्छ की पसलियों में लात मारने की कोशिश की। लेकिन मगरमच्छ ने उनका पाँव नहीं छोड़ा बल्कि पकड़ मजबूत करके उन्हें पानी में खींचता ले गया। ऐसे में कॉलिन ने बिन कुछ सोचे खुद को बचाने के लिए मगरमच्छ की आँखों पर अपने दाँत गड़ाए और उसकी चंगुल से छूटने में सफल हुए।

डेवरॉक्स बताते हैं, “वो बहुत अजीब स्थिति थी, लेकिन तभी मेरे दाँत उसकी पलक पर लगे, वो बहुत मोटी थी, जैसे चपड़ा। लेकिन मैंने दोबारा झटका दिया तो उसने मुझे छोड़ दिया और कुछ देर मेरा पीछा करके वहाँ से चला गया।”

इसके बाद कॉलिन खुद एक तौलिया और कुछ रस्सियों के सहारे झील से निकलकर बाहर आए। फिर उनका भाई उन्हें 130 किलोमीटर दूर रॉयल डार्विन अस्पताल लेकर गया। घटना को याद करते हुए कॉलिन कहते हैं कि बाड़ बाँधने का काम उन्होंने जिंदगी पर किया लेकिन इस घटना ने उनकी आँख खोल दी।

रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कि डेवेरॉक्स के पैर में मगरमच्छ के पकड़ने से गंभीर घाव हो गए हैं। घटना को एक माह बीत जाने के बाद भी वह अब तक अपना इलाज करा रहे हैं। नवंबर में उनके पैर में स्किन ग्राफ्ट लगाया गया था। डॉक्टरों को उम्मीद है कि डेवेराक्स को इस सप्ताह अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस मगरमच्छ ने उन पर हमला किया वह किसी और को नुकसान नहीं पहुँचाएगा क्योंकि उसे वहाँ से हटा दिया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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