कनाडा में एक महिला ने 60 मिलियन डॉलर की लॉटरी जीती है। वह भी उस संख्या (नंबर) की मदद से जो उसके पति के सपने में आए थे। डेंग प्रवतोडॉम (Deng Pravatoudom) नाम की 57 वर्षीय महिला के मुताबिक़ उसके पति के सपने में लॉटरी के नंबर को लेकर 20 साल पहले एक सपना आया था। तब से वह उन नंबर पर दाँव लगा रही थी और पिछले महीने (दिसंबर 2020) उसे कामयाबी हासिल हुई।
महिला ने 1 दिसंबर 2020 को ‘LOTTO MAX’ नाम की लॉटरी जीती थी। लॉटरी अधिकारियों का कहना था कि महिला के दो जवान बच्चे हैं और दो पोते भी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ महामारी की वजह से वह अपने घर, परिवार और दोस्तों के साथ लॉटरी जीतने की ख़ुशी नहीं मना पाई थी। महिला ने टोरंटो स्थित ओएलजी प्राइज सेंटर (OLG prize centre) से जीती हुई राशि लेकर वर्चुअल जश्न मनाया था।
महिला अप्रवासी है जो कि 1980 में लाओस से कनाडा अपने 14 भाई बहनों के साथ आई थी। महिला का कहना था, “हमारे पास कुछ नहीं था इसलिए एक स्थानीय चर्च ने हमारी आर्थिक सहायता की थी। मैं उन लोगों की आभारी हूँ जिन्होंने इतने वर्षों के दौरान हमारा साथ दिया। मेरे पति और मैंने 40 सालों तक बतौर आम मजदूर घंटों तक काम किया, जिससे हमारे परिवार का गुज़ारा हो सके और हम अपने परिवार के लिए कुछ बचत कर सकें। महामारी की वजह से मैं पिछले वसंत से कुछ नहीं कर रही थी इसलिए यह पैसे बेशक हमारी ज़िंदगी को आसान और बेहतर बनाने में मदद करेंगे।”
महिला नियमित रूप से लॉटरी में अपनी किस्मत आज़माती थी और पिछले 20 सालों से उन्हीं नंबर्स पर दाँव लगा रही थी जो उसके पति के सपने में आए थे। महिला ने बताया, “मैं प्रार्थना करके आई थी, फिर नज़दीक के मॉल में अपना लोटो मैक्स (LOTTO MAX) टिकट देखने और कुछ काम के लिए गई थी। वहाँ मैंने एक ‘फ्री प्ले टिकट’ जीता। मुझे कई दिनों बाद तक भरोसा नहीं हुआ कि फ्री टिकट 60 मिलियन डॉलर का था।”
महिला के मुताबिक़, “मैं कुछ बिलों का भुगतान करने के लिए बैंक गई थी और मेरे पति टिकट देखने के लिए गए थे। जैसे ही हम कार में बैठे तब उन्होंने मुझसे बताया कि हम 60 मिलियन डॉलर का जैकपॉट जीत चुके हैं। वह गंभीर थे, मज़ाक नहीं कर रहे थे इसलिए मैं समझ गई कि वो सच बोल रहे हैं। मैं वहीं पर रोने लगी! मैं हमेशा प्रार्थना करती थी कि हमारा परिवार सलामत रहे।”
लॉटरी जीतने के बाद पति-पत्नी ने पुराना अपार्टमेन्ट छोड़ कर नया घर खरीदने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा वह अपना क़र्ज़ भी चुकाएँगे और महामारी के हालात सामान्य होने पर घूमने भी जाएँगे।