गोलगप्पा/पुचका/पानी पूरी/पानी बताशा… आप जिस भी नाम से जानते हों, सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है। लेकिन यही गोलगप्पा पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक दुर्गा पूजा समिति के लिए तनाव का कारण बन गई है। दरअसलत पूजा पंडाल को केमिकल लगे गोलगप्पों से सजाया गया था। लोगों ने इसे तोड़कर खा लिया। अब केमिकल लगे होने के कारण इसका लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
दुर्गा पूजा के मौके पर पश्चिम बंगाल के भीतर हर वर्ष अलग-अलग थीम पर अनेकों पंडाल बनाए जाते हैं। इसी क्रम में शशिभूषण मुखर्जी रोड पर बनाए गए पंडाल को गोलगप्पों से सजाया गया था। अब इस पंडाल से लगे 600 गोलगप्पों के गायब होने की बात सामने आई है।
#Watch: What is Kolkata’s Durga puja without phuchkas?
— Pooja Mehta (@pooja_news) October 19, 2023
Here is a puja pandal in Kolkata with ‘phuchka’ or ‘pani puri’ as its theme!
Don’t miss this! pic.twitter.com/88cjhpITAF
आयोजकों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके भी बताया था कि जो लोग पंडाल देखने आ रहे हैं, वह इन गोलगप्पों को ना खाएँ क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में कई लोग गोलगप्पे को पंडाल से तोड़कर खाते दिखे हैं।
मीडिया से बात करते हुए कार्यक्रम के संयोजक संदीपन बनर्जी ने बताया कि पंडाल में लगाए जाने वाले गोलगप्पे कुरकुरे और ताजा बने रहें इसके लिए उनके ऊपर हार्डनर लगाया गया था। यह एक केमिकल होता है।
Phuchka Pandal pic.twitter.com/6ZLgcpUbAm
— ⓃⓄⓁⒺⓃ ⒼⓊⓇ (@nolengurlover) October 21, 2023
पंडाल समिति द्वारा निकाले गए सीसीटीवी फुटेज में कुछ लोग गोलगप्पे खाते दिखे हैं। मूर्तियों के पास लगे गोलगप्पे भी कुछ लोग निकाल कर ले गए हैं। यहाँ चारों तरफ सजावट गोलगप्पों से ही की गई थी।
Believe it or not!
— Sourav || সৌরভ (@Sourav_3294) October 19, 2023
A Durga pujo pandal decorated using mouth watering Phuchka/Golgappa/Panipuri!
Kolkata's Behala Notun dal club has done this unthinkable thing!!! pic.twitter.com/i8nwRFhRJQ
इस पंडाल बेहाला नूतन दल ने सजाया था। यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय भी बना था। इसके कई वीडियो एक्स (पहले ट्विटर) पर डाले गए थे। पंडाल की विशेषता के कारण बड़ी भीड़ यहाँ पहुँची थी।
यहाँ मात्र गोलगप्पे लगाए ही नहीं गए थे, बल्कि इनको बनाने की पूरी विधि भी दर्शाई गई थी। गोलगप्पे बनाने में लगने वाले सारे बर्तन और अन्य उपकरण भी यहाँ दर्शाए गए थे। यहाँ तक कि देवी प्रतिमा को भी एक विशाल गोलगप्पे में स्थापित किया गया था। इस पंडाल का नाम तुष्टि रखा गया था।
एक्स पर साझा की गई एक पोस्ट में बताया गया है कि इस पंडाल में आटे और सूजी के गोलगप्पे सजाने के अलावा बाँस और लकड़ी के भी बड़े गोलगप्पे लगाए गए थे। यह अलग-अलग आकार में पंडाल के भीतर सजाए गए थे।