Monday, May 20, 2024
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‘मैंने रखे बम, ये भारतीयों को बताते थे वेश्या’: फेसबुक लाइव कर डोमिनिक मार्टिन ने ली केरल ब्लास्ट की जिम्मेदारी, जिस प्रार्थना सभा में धमाका उससे खुद भी है जुड़ा

प्रार्थना सभा में धमाके टिफिन में बम रखकर किए गए थे। केरल पुलिस शुरूआती जाँच में इसे एक IED धमाका मान रही है। फेसबुक पर लाइव कर डोमिनिक मार्टिन ने कहा है कि उसने ही यह धमाके किए हैं।

केरल के एर्नाकुलम में हुए ब्लास्ट की जिम्मेदारी डोमिनिक मार्टिन नाम के एक शख्स ने फेसबुक लाइव कर ली है। इसके बाद उसने पुलिस के सामने सरेंडर भी कर दिया है। येहोवा विटनेस प्रार्थना सभा में बम रखने का दावा करते हुए उसने कहा है कि यह संस्था राष्ट्रविरोधी शिक्षा देती है।

प्रार्थना सभा में 29 अक्टूबर 2023 को धमाका हुआ था। इसमें अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 50 से अधिक लोग घायल हैं। मृतकों में एक 12 साल की बच्ची भी है। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

प्रार्थना सभा में धमाके टिफिन में बम रखकर किए गए थे। केरल पुलिस शुरूआती जाँच में इसे एक IED धमाका मान रही है। फेसबुक पर लाइव कर डोमिनिक मार्टिन ने कहा है कि उसने ही यह धमाके किए हैं। वह इनकी जिम्मेदारी लेता है। इस वीडियो में उसने कहा कि वह पिछले 16 वर्षों से येहोवास विटनेस समुदाय से जुड़ा हुआ है। लेकिन कभी भी इसका सक्रिय सदस्य नहीं रहा।

डोमिनिक मार्टिन ने कहा, “6 साल पहले उसे लगा कि यह संस्था गलत रास्ते पर है। उनकी शिक्षाएँ राष्ट्र विरोधी हैं। मैंने उनसे कई बार इसे सही करने के लिए कहा। लेकिन वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थे।” आगे उसने कहा, “किसी मजहब में आस्था रखने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन यह लोग बताते हैं कि बाकी पूरी दुनिया के लोग खत्म होंगे और यह अपना जीवन जीते रहेंगे। हमें ऐसे समूह के साथ क्या करना चाहिए जो कि 850 करोड़ लोगों के बारे में यह सोचता है। मुझे और कोई रास्ता नहीं सूझा और चूँकि मैं इस विचारधारा से वाकिफ हूँ इसलिए मैंने जवाब देने का निर्णय लिया।”

लाइव के दौरान मार्टिन ने कहा, “इस राष्ट्र में रहते हुए भी यह लोग देश के लोगों को वेश्या और शापित बता कर अपमानित करते हैं। यह अपने लोगों को समझाते हैं कि बाकी लोगों के साथ हाथ मत मिलाओ और खाना मत खाओ। मुझे लगा कि यह गलत विचारधारा है। अगर आप ऐसे समूहों को नहीं रोकेंगे जो कि खतरनाक विचार फैला रहे हैं तो मेरे जैसे लोगों को यह कम करना पड़ेगा।”

डोमिनिक ने यह भी बताया कि येहोवास विटनेस समुदाय के लोग अपने लोगों से यह कहते हैं कि वह मतदान ना करें और ना ही सैन्य सेवाओं में जाएँ। डोमिनिक मार्टिन ने 29 अक्टूबर 2023 को ही त्रिशूर के एक थाने में आत्मसमर्पण किया था। पुलिस अब उसके दावों के जाँच कर रही है।

पुलिस मार्टिन को धमाके वाली जगह भी लेकर गई थी। मार्टिन की फेसबुक आईडी की भी कुछ कथित तस्वीरें सामने आई हैं। इसमें दावा किया गया है कि वह कम्युनिस्ट पार्टी के पेज को भी फॉलो करता था।

डोमिनिक मार्टिन की एक पुरानी आईडी की तस्वीरें साझा हो रही हैं, उसकी इस आईडी में सीपीआईएम् का एक पेज लाइक किया गया है।
मार्टिन की एक पुरानी आईडी की तस्वीरें साझा हो रही हैं, उसकी इस आईडी में सीपीआईएम का एक पेज लाइक किया गया है।

जानकारी के अनुसार, डोमिनिक मार्टिन एर्नाकुलम के थम्मनम में एक किराये के घर में रहता है। केरल पुलिस के एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) एम अजित कुमार ने बताया कि ने मार्टिन ने धमाके वाली जगह से 45 किलोमीटर दूर एक थाने में आत्मसमर्पण किया। यहाँ वह एक दुपहिया वाहन से पहुँचा था। पुलिस उसे धमाके का आरोपित मान रही है।

मार्टिन की पत्नी ने बताया कि वह धमाके वाले दिन घर से सुबह पाँच बजे ही निकल गया था। उसने अपनी पत्नी को यह भी नहीं बताया कि वह कहाँ जा रहा है। उसके फ़ोन से प्रार्थना सभा में धमाका करने संबंधित वीडियो भी मिले हैं। यह बताया गया है कि उसने इन्टरनेट से जानकारी जुटा कर यह धमाका किया। उसने बम बनाने के लिए सामान ऑनलाइन और स्थानीय दुकानों से खरीदा था।

धमाके की जाँच के लिए केरल सरकार ने 21 सदस्यों वाली एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है। इसका प्रमुख अजित कुमार को बनाया गया है। धमाके वाली जगह का NIA और NSG की टीमों ने भी दौरा किया है।

कौन हैं येहोवास विटनेस, जिसका सदस्य है डोमिनिक मार्टिन?

येहोवास विटनेस समुदाय ईसाई धर्म का ही एक हिस्सा है। लेकिन इनकी मान्यताएँ ईसाइयों से काफी अलग हैं। यह जीसस क्राइस्ट और उनकी शिक्षाओं को तो मानते हैं, लेकिन उनकी प्रार्थना नहीं करते। वे बाइबल को सच्चे अर्थों में अपनाने का दावा करते हैं।

ये लोग प्रकृति की पूजा नहीं करते और ना ही किसी प्राणी के चित्र बनाते हैं। इनकी प्रार्थनाएँ मुख्यतः एक साथ बाइबल पढ़ कर और साथ गा कर होती हैं। जहाँ यह इकट्ठा होते हैं उन जगहों को किंगडम हॉल कहा जाता है।

गौरतलब है कि वर्ष 1985 में केरल में येहोवास विटनेस समुदाय के तीन बच्चों को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था, क्योंकि वह राष्ट्रगान नहीं गाते थे और इस दौरान शांत रहते थे। हालाँकि, 1987 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में इन बच्चों को दोबारा स्कूल में लेने का आदेश दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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