Tuesday, November 5, 2024
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‘इसको कोई सेंस नहीं, ऐसे ही बोलते रहता है’: ‘तू-तड़ाक’ पर उतरे नीतीश, भरे सदन में महादलित जीतराम मांझी का किया अपमान; बोले पूर्व सीएम- मुसहर हूँ इसलिए जलील किया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को तुम-तड़ाक करके भरी विधानसभा में अपमानित किया और कहा कि 'इसको कोई सेंस नहीं है। इसको मुख्यमंत्री बनाना मेरी मूर्खता थी'। इस पर मांझी ने कहा कि वे नीतीश कुमार से पहले विधायक बने थे और उम्र में भी बड़े हैं। इसके बावजूद उन्होंने जलील किया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल अपनी बदजुबानी की वजह से चर्चा में हैं। कभी महिलाओं को लेकर गलतबयानी तो कभी महादलित को सदन में बेइज्जत करने को लेकर चर्चा में हैं। आज गुरुवार (9 नवंबर 2023) तो उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का पूरे सदन में अपमान कर दिया। उन्होंने शब्दों की मर्यादा पार करते हुए उनके लिए ‘तू-ताम’ तक कर दिया।

दरअसल, जीतनराम मांझी सदन में आरक्षण की व्यवस्था की खामियों को लेकर अपनी बात रख रहे थे, तभी नीतीश कुमार तमतमा कर उठे और जीतनराम मांझी को खरी खोटी सुनाने लगे। सीएम नीतीश कुमार ने तो यहाँ तक कह दिया कि ‘इसे (जीतनराम मांझी को) कोई सेंस नहीं है। इसे तो मैंने अपनी मूर्खता के चलते मुख्यमंत्री बना दिया था’।

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन में नीतीश कुमार का व्यवहार चर्चा में है। मांझी को लेकर नीतीश कुमार ने कहा, “इसको कुछ आइडिया नहीं है। ये तो मेरी गलती है कि मैंने इस आदमी को बना दिया मुख्यमंत्री। इसको कोई सेंस नहीं है। अइसे ही बोलते रहता है। कोई मतलब नहीं है। हम कह रहे थे कि आप लोगों के साथ ही रहिए, भाग के चला आया 7 पार्टी में। यही जानकर हमने भगा दिया उधर।”

भाजपा विधायकों की तरफ से आवाज उठने पर भी नीतीश कुमार नहीं रुके। नीतीश कुमार ने आगे कहा, “अरे सुनो बैठो ना यार, बैठिए, भूलिए मत, जब 2013 में आप लोगों को छोड़ दिए थे… अरे चुप ना रहो यार। कुछ जानते हो? हम इसको (माँझी की तरफ इशारा करके) (मुख्यमंत्री) बना दिए। इसके बाद जितने लोग मेरा पार्टी के थे, सब हमको दो ही महीने में कहने लगा कि गड़बड़ है, इसको हटाइए। अंत में हमको बाध्य किया तो फिर हम सीएम बन गए। कहता रहता है कि ये भी मुख्यमंत्री था। ये क्या मुख्यमंत्री था? ये तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना।”

नीतीश कुमार ने पत्रकारों की तरफ इशारा करके कहा कि वो मांझी को भाव ना दिया करें। नीतीश कुमार बोले, “आप बिना मतलब के इसको (मांझी) को रोज पब्लिश करते हो। कोई सेंस है इसमें?” इस बीच जब भाजपा विधायक हंगामा करने लगे तो नीतीश कुमार ने कहा, “एक मेरा सुझाव है कि आप ही लोगों के पीछे ये (मांझी) घूम रहा है। ये गवर्नर बनना चाहता है। ये हम लोगों के साथ था तो भी उल्टा-पुल्टा बोलता था। लगा दीजिए गवर्नर इसको… यही बनना चाहता है ये।”

गुस्से में मानो नीतीश कुमार गुस्से में सब कुछ भूल बैठे हों। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार चौधरी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि क्यों नहीं एक महादलित को मुख्यमंत्री बना देते तो उन्होंने भाजपा को भी लपेटे में लेने की कोशिश की। उन्होंने अपील को अनसुना करते हुए कहा, “आप बनाए थे? कौन बनाया? तुम जानते हो, हम्हीं ने बनाया। अरे गर्वनर काहे नहीं बना देते।”

नीतीश ने आगे कहा, “यह गर्वनर बनने के चक्कर में ही रोज चक्कर लगाता है। इसके परिवार का लोग इसके खिलाफ है। आप जान लीजिए ये कोई काम का आदमी नहीं है। अरे इसको ले जाइए न। नारा लगा रहे हो? क्या जानते हो, इसको कौन मुख्यमंत्री बनाया। मैं चाहता हूँ कि तुम इन लोगों के साथ रहो।”

मैं भुइयाँ मुसहर, इसीलिए नीतीश कुमार ने किया जलील

इस घटना को लेकर सदन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मैं नीतीश कुमार से हर मामले में सीनियर हूँ, फिर भी उन्होंने हमारा अपमान किया। नीतीश कुमार ने अपनी लाज बचाने के लिए सीधे-साधे आदमी का इस्तेमाल किया। मैं मुसहर हूँ, इसलिए मुझे सदन में जलील किया गया।”

मांझी ने कहा, “नीतीश कुमार 1985 में विधायक बने। हम 1980 में विधायक बने। उनकी उम्र 74 साल है। मेरी उम्र 80 साल है। मैं उनसे सीनियर हूँ। इसके बावजूद वो तुम-ताम करते हैं। विधानसभा में तुम-ताम करना कहाँ तक उचित है। इसलिए मुझे लगता है कि वो मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।”

नीतीश कुमार द्वारा गवर्नर बनाए जाने के ताने पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्हें साल 2017 में ही राज्यपाल बनने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने जनता के बीच में रहकर जनसेवा की राह चुनी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने गवर्नर बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

बता दें कि नीतीश कुमार सदन में दो दिन पहले भी विवादास्पद बयान देकर फँसे थे। 7 नवंबर 2023 को महिलाओं की शिक्षा और जनसंख्या नियंत्रण पर बात करते हुए नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा था, “अगर पढ़ लेगी लड़की, और जब शादी होगा तब लड़का लड़की का तो जो पुरुष है वो तो रोज रात में शदिया होता है उसके साथ करता है ना उसी में और पैदा हो जाता है। लड़की पढ़ लेती है तो हमको मालूम था कि उ करेगा ठीक है! लेकिन अंतिम में भीतर मत घुसाओ उसको बाहर कर दो! करता तो है।”

विधान परिषद में उन्होंने कहा था, “उसी समय लड़की भी जब पढ़ी-लिखी रहती है तो कहती है कि ठीक है, रात में करो लेकिन अपना जो तुमको निकलने लगे तो बाहर निकाल कर फेंक दो। यही करके लड़की सब अब सबको समझा रही है। ज़रा जान लीजिए। लड़की सब सभी को समझाती है कि अपने पति को कंट्रोल में रखिए।”

उनके इस बयान को ‘सेक्स एजुकेशन’ बताते हुए बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बचाव किया था। हालाँकि, चौतरफा हमला होने और विवाद बढ़ने के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने हाथ जोड़कर माफी माँग ली थी। उनके इस बयान की देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी आलोचना हो रही है।

महिला विधायक ने नीतीश कुमार को बोला ‘बंडा’

महिलाओं को लेकर नीतीश कुमार के बयान पर बिहार भाजपा की महिला विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। बिहार के पश्चिम चंपारण से भाजपा विधायक भागीरथी देवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान भागीरथी देवी ने कहा, “नीतीश जब विधानसभा आते थे तो एक चिलम पीते थे, फिर चढ़ा रहे हैं दो चिलम… जब कल महिला के ऊपर बोले तब वो चार चिलम पीकर आए थे।”

भागीरथी देवी ने आगे कहा, “नीतीश कुमार के खुद बेटी या पत्नी तो है नहीं। वह तो बंडा (विधुर या जिसकी पत्नी का निधन हो गया हो) हैं। दूसरों को देखकर उनको जलन होती है। वो कहते हैं कि लड़का-लड़की सब प्यार-मोहब्बत करती है तो लेके घूमती है… तो लेके सोता है… तो उनको फूल जाता है जिसे निकाल कर फेंक देती है। अरे नीतीश कुमार को शर्म है? ऐसा बोला जाता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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