अफगानिस्तान में शुक्रवार को एक मस्जिद के भीतर हुए धमाके में 62 लोगों के मरने की खबर है। 100 के करीब घायल बताए जा रहे हैं। दो धमाके पूर्वी नांगरहार प्रांत की एक मस्जिद में उस वक्त हुआ जब लोग जुमे की नमाज पढ़ रहे थे।
टोलो न्यूज के मुताबिक प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्लाह ख़ोग्यानी ने दोनों धमाके की पुष्टि की है। हस्का मेयना जिले के जाव डारा इलाके में स्थित मस्जिद में धमाके हुए। खोग्यानी ने बताया कि दोपहर के करीब 1:30 बजे विस्फोट हुआ।
अधिकारियों के मुताबिक विस्फोटक मस्जिद के भीतर रखे गए थे। जब लोग नमाज अता कर रहे थे तब धमाके किए गए। खोग्यानी के अनुसार घायलों में से कई की हालत गंभीर है। इस घटना की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। इस इलाके में तालिबान का प्रभाव है। लेकिन, उसने इसके पीछे हाथ होने से इनकार किया है।
अल जजीरा के मुताबिक यह इस साल का अफगानिस्तान में हुआ दूसरा सबसे घातक हमला है। मीडिया रिपोर्टों में चश्मदीदों के हवाले से बताया गया है कि धमाके के वक्त मस्जिद में करीब 350 लोग थे। चश्मदीदों ने मस्जिद की छत गिरने से पहले एक बड़ा धमाका सुना। स्थानीय पुलिस अधिकारी तेज़ाब ख़ान ने बताया कि मौलवी अजान पढ़ रहे थे और फिर अचानक एक धमाके के बाद उनकी आवाज बंद हो गई।
धमाका संयुक्त राष्ट्र के उस बयान के एक दिन बाद हुआ है जिसमें अफगानिस्तान में आम लोगों की मौत की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई गई थी। यूएन के मुताबिक इस साल जुलाई से सितंबर के बीच कम से कम 1174 नागरिक मारे गए हैं। 3,139 जख्मी हुए हैं। जुलाई 2019 इस दशक का सबसे खूनी महीना रहा है। मृतकों और हताहतों में 40 फीसदी संख्या महिलाओं और बच्चों की है। रिपोर्ट के मुताबिक ये आँकड़े पिछले साल के इसी समय के मुकाबले 42 फीसदी ज्यादा हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने एंटोनियो गुटेरेस ने अफ़ग़ानिस्तान में हुए इन धमाकों की कड़ी निंदा की। यूएन महासचिव ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हुए उनके जल्द ठीक होने की कामना की है। साथ ही उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान के नागरिकों और सरकार के साथ संयुक्त राष्ट्र की एकजुटता को भी दोहराया।