मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी शासित पंजाब के एक सरकारी अस्पताल में जिंदा मरीजों को कब्रिस्तान और सुनसान सड़क पर फेंकवाने का शर्मनाक मामला सामने आया है। डॉक्टरों की इस अमानवीय करतूत के कारण एक मरीज की मौत हो गई है। दोनों मरीज लावारिस और HIV पॉजिटिव बताए जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने इसके लिए एंबुलेंस चालक को बुलाया इन दो मरीजों को कब्रिस्तान के पास फेंकने के लिए कहा था। इसके लिए डॉक्टरों ने एंबुलेंस चालक को 400 रुपए भी दिए थे। दरअसल, जिन दो मरीजों को फेंका गया वे एड्स (HIV) से पीड़ित थे। अस्पताल में उनकी देखभाल करने वाला भी कोई व्यक्ति नहीं था।
जिस जगह पर इन दोनों मरीजों को फेंका गया था, वहाँ ठंड आदि से एक मरीज की मौत हो गई। वहीं, दूसरा मरीज कब्रिस्तान में मिला। उसे वहाँ से उठाकर फिर से मानसा अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के इस कारनामे पर इलाके के लोगों में आक्रोश है। समाजसेवियों ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की माँग की है।
बताया जा रहा है कि दोनों मरीज HIV पॉजिटिव थे। वे पीलिया और टीबी से पीड़ित थे। डॉक्टर इनका इलाज भी ठीक से नहीं कर रहे थे और इनसे छुटकारा पाने चाहते थे। इसके लिए डॉक्टोरं ने एंबुलेंस चालक को पैसे देकर दोनों मरीजों के फेंकने के लिए कहा। मरीजों को बाहर अलग-अलग जगहों पर फेंकवाने के बाद डॉक्टरों ने इन मरीजों के अस्पताल से भागने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मरीजों को सुनसान जगह पर छोड़ने वाले एम्बुलेंस चालक ने कहा कि अस्पताल के डॉक्टर आशू और मैडम गुरविंदर कौर ने उनसे मरीज को कहीं छोड़ने के लिए कहा था। इसके लिए आशू ने 400 रुपए दिया था। अब सरकारी अस्पताल के डॉक्टर इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर रहे हैं। मानसा के सीएमओ ने इस घटना के लिए एक जाँच कमेटी बनाने की बात कही है।