उत्तर प्रदेश के देवबंद में दिवाली से कुछ दिन पहले अब्दुल वकील कासमी नामक एक मौलाना ने फतवा जारी कर पटाखे फोड़ना गैर इस्लामिक बताया है और साथ ही पटाखों का व्यवसाय करके मिलने वाले लाभ को हराम करार दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये मौलाना अब्दुल वकील कासमी इत्तेहाद उलेमा-उल-हिंद के राज्य सचिव हैं। इनका कहना है, “दूसरे क्या कर रहे हैं, ये हमारी चिंता नहीं हैं, लेकिन मुस्लिमों के लिए ये हराम हैं। पटाखे फोड़ने का उल्लेख किसी भी धार्मिक किताब में नहीं हैं। इनमें आग लगाना ऐसा है जैसे अपने पैसों में आग लगाई जा रही हो। ये पैसा शिक्षा जैसी बेहतर चीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।”
Firecrackers are un-Islamic, says Deoband-based cleric https://t.co/uwbI19AMy4 via @timesofindia – yeah sure, India is not an Islamist republic thank you.
— TudorBeste (@tudorbeste) October 22, 2019
खास बात ये है कि ये फतवा दिवाली से कुछ दिन पहले ही आया है। ताकि मुस्लिम हिन्दू त्यौहारों में शिरकत करने से दूर रहें। लेकिन ये जानने वाली बात है कि पटाखे शब-ए-बारात में भी बहुत स्तर पर इस्तेमाल होते हैं।
Deoband: Maulana Abdul Waqeel Qasmi issues fatwa: Bursting firecrackers ‘un-Islamic’, profit earned from firecracker business ‘haram’https://t.co/oVNENiIwS1
— OpIndia.com (@OpIndia_com) October 22, 2019
शब-ए-बारात वो दिन होता है, जब मुस्लिम साल में एक बार अपने खुदा से गुनाहों के लिए माफी माँगते हैं और पूरी रात मिठाई बाँटी जाती है और पटाखे जलाए जाते हैं।
गौरतलब है कि इत्तहाद-अल-हिंद का फतवा जारी करने का अलग ही इतिहास रहा है। अभी हाल ही में इसी संस्थान के उपाध्यक्ष ने नुसरत जहां पर निशाना साधा था, जब उन्होंने हिंदू परिवार में शादी की थी और हिंदू त्यौहारों को भी मनाया था।
नुसरत पर मौलाना का कहना था कि दुर्गा पूजा आदि करना गैर-इस्लामिक है। अगर नुसरत को ये सब करना है तो उन्हें अपना नाम और धर्म बदल लेना चाहिए क्योंकि बतौर मुसलमान वो दुर्गा पूजा आदि में शामिल नहीं हो सकतीं।