चुनावी वादों के अनुसार विभिन्न राज्यों में किसानों की कर्ज़ माफ़ी में विफलता के बाद, कॉन्ग्रेस पार्टी एक और विवाद में फंसती नज़र आ रही है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट को मानें तो राजस्थान के किसानों ने आरोप लगाया है कि कर्ज़ माफ़ी योजना अब घोटाले में तब्दील हो गई है।
Rajasthan loan waiver under scanner: Curious beneficiary list surfaces, non-existent beneficiaries in the list, Farmers allege ‘scam’ pic.twitter.com/FZx4D0eIv8
— TIMES NOW (@TimesNow) January 6, 2019
जिन किसानों को इस योजना के तहत लाभ मिलने वाला था, उनके नामों की सूची http://www.lwa.rajasthan.gov.in/ पर डाली गई। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान सरकार की इस सूची में गैर-लाभार्थियों के नाम भी हैं। स्थानीय किसानों ने राज्य सरकार के इस रवैये को ‘घोटाले’ का नाम दिया है।
इसी मामले पर इकॉनमिक टाइम्स ने भी एक रिपोर्ट की है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि जिन लोगों के नाम पर कोई कर्ज़ नहीं था, योजना का लाभ देने के लिए उनका नाम भी सूची में जोड़ दिया गया है।
कर्ज़ माफ़ी के नाम पर यह घोटाला कितने बड़े स्तर का है, इसका पैमाना है अकेले डूंगरपुर जिले से लाभार्थियों की सूची। यहां के 1700 से अधिक किसानों के नाम उस सूची में हैं लेकिन आश्चर्य की बात है कि किसी ने भी लोन नहीं लिया था।
डूंगरपुर के सागवाड़ा सहकारी बैंक के अधिकारियों ने कथित रूप से स्वीकारा कि जैसे ही उन्हें पता चला कि अशोक गहलोत सरकार ने किसान कर्ज़ माफ़ी का आदेश दिया है, उन्होंने उन लोगों के नाम पर लोन जारी किए, जिन्होंने कभी भी लोन नहीं लिया था।
राहुल गांधी ने किसान कर्ज़ माफ़ी का चुनावी कार्ड खेलकर हिन्दी पट्टी के तीन बड़े राज्यों पर सत्ता तो पा लिया लेकिन ‘घोटाले का यह खेल’ शायद राजनीतिक रूप से भारी पड़ने वाला है। भारतीय जनता पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के खिलाफ़ ‘घोटाले के जिन्न’ को एक बार फिर भुना सकती है।