इजरायली दूतावास के पास 26 दिसंबर 2023 को हुए धमाके के मामले में पुलिस अब तक छह संदिग्धों और 14 ऑटो चालकों से पूछताछ कर चुकी है। इसी क्रम में खबर ये भी है कि दिल्ली पुलिस ने जाँच की दिशा को जामिया की तरफ मोड़ा है, वो अब जामिया से लेकर इजरायली दूतावास तक के पूरे रूट की जाँच कर रही है। इसमें करीब 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी शामिल है।
जामिया से इजरायली दूतावास तक के रास्तों की सावधानीपूर्वक जाँच के अलावा पुलिस ने एक लंबे कद के व्यक्ति को संदिग्ध माना है। अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। कोशिश है आरोपित जल्द से जल्द गिरफ्तार हों।
हमलावरों को पकड़ने के लिए पुलिस की तकनीकी टीम भी काम में जुटी है। वह फोन कॉल्स का विश्लेषण कर रही है, जिसके तहत 100 से अधिक संदिग्ध फोन नंबरों की पहचान हुई है। इन नंबरों के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ नंबर इसमें से बंद हो गए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और दिल्ली पुलिस के फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा विस्फोट स्थल से पत्तियों और मिट्टी के नमूने भी एकत्र किए गए हैं। एनएसजी बम स्क्वाड टीम द्वारा दिल्ली पुलिस को एक विस्तृत सीलबंद रिपोर्ट सौंपने वाली है, जिसमें अहम जानकारियाँ होने की उम्मीद है।
बता दें कि 26 दिसंबर 2023 को इजरायली दूतावास से 260 मीटर दूर नंदास हाउस के गेट नंबर -4 पर धमाका हुआ था। इस जगह पर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था। दूतावास के पास तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने घटना को स्पष्ट रूप से याद करते हुए कहा, “मैंने शाम करीब 5 बजे एक तेज आवाज़ सुनी, यह आवाज टायर फटने जैसी थी। मैंने एक पेड़ के पास धुआँ भी देखा।”
धमाके के बाद मौके पर पहुँची दिल्ली पुलिस को यहाँ से एक पत्र बरामद हुआ था जिसमें जिहाद और अल्लाह-हू-अकबर जैसे नारों और गाजा में चल रहे युद्ध का जिक्र किया गया था। एक पन्ने के इस पत्र को टाइप किया गया था और इजरायल के झंडे में लपेटकर यहाँ छोड़ा गया था। इस पत्र में इजरायल के खिलाफ जिहाद जारी रखने की धमकी दी गई थी। शुरुआत में इस मामले में दो लोगों को संदिग्ध के तौर पर पहचाना गया था, लेकिन उनकी भूमिका अभी तक साफ नहीं हो सकी है। बता दें कि इज़राइल और हमास के बीच चल रहे तनाव की वजह से इजरायली दूतावास के आसपास सुरक्षा उपायों को काफी बढ़ा दिया गया है।