अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। इसी के साथ प्रभु श्रीराम से जुड़े ऐतिहासिक चिह्नों को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार संरक्षित करने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में जल्द ही अयोध्या में स्थित दशरथ महल नए रूप में नजर आएगा।
यूपी की योगी सरकार ने दशरथ महल की वह आभा लौटाई है, जो कभी त्रेता युग में हुआ करती थी। कहा जाता है कि महाराज दशरथ ने त्रेता युग में इस महल की स्थापना की थी। इस दशरथ महल में आने वाले लोगों को प्रभु श्रीराम के बाल्यकाल के चरणों की अनुभूति होगी। योगी सरकार ने दशरथ महल को सँवारने का कार्य फरवरी 2021 में शुरू किया था।
दशरथ महल में योगी सरकार ने सत्संग भवन, नया प्रवेश द्वार, रात्रि विश्राम गृह और श्रद्धालु सहायता केंद्र बनाया है। इन सब पर ₹3 करोड़ का खर्चा किया है। इसमें बाकी कामों को 22 जनवरी 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। दरअसल, दशरथ महल को संवारने की योजना अखिलेश सरकार के दौरान वर्ष 2013 में भी आई थी लेकिन वह मात्र कागजों पर ही सिमट कर रह गई।
साल 2013 में ₹2.4 करोड़ से इसके विकास को लेकर प्रस्ताव आया था, लेकिन यह एक मेज से दूसरे मेज तक घूमता रहा। लालफीताशाही और इसको विकसित करने की इच्छा ना होने के चलते कभी भी महल का विकास संभव नहीं हो सका। हालाँकि, योगी सरकार ने इसका अधिकांश काम पूरा करा लिया है।
दशरथ महल में बनाए गए यात्री रात्रि निवास और श्रद्धालु सहायता केंद्र का काम पूरा हो चुका है। प्रवेश द्वार का काम भी लगभग पूरा है। अब सत्संग भाव को लेकर काम चल रहा है। सत्संग भवन को लेकर अब कई स्तर पर काम किया जा रहा है। सत्संग भवन में स्टेज को पहले ही बना लिया गया है।
यहाँ पर नए तरीके से टाइल, खिड़की और दरवाजों का काम चल रहा है। कहा जा रहा है कि इस सत्संग भवन में एक बार में 300 से 350 श्रद्धालु एक साथ बैठकर कीर्तन कर सकेंगे। सत्संग भवन को लेकर काम 1 दिसम्बर 2023 को चालू हुआ था, जिसे 22 जनवरी 2024 तक पूरा किया जाना है।
यहाँ नई तरीके की लाइटिंग का भी कम किया गया है। दीवालों पर नई पेंटिंग बनाई गई हैं। इन पेंटिंग में प्रभु राम के जीवन से जुड़ी हुई कथाएँ उकेरी गई हैं। प्रवेश द्वार को भी इसी हिसाब से बनाया गया है। अयोध्या आने वाले श्रद्धालु यहाँ आकर रात्रि में रुक सकेंगे और सहायता भी पा सकेंगे।