पाकिस्तान-ईरान सीमा से सटे आतंकवादी समूह जैश उल-अदल के आतंकियों ने ईरान के एक सैन्य अधिकारी और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मार कर हत्या कर दी। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर के कर्नल हुसैन अली जवीदंफर (Colonel Hossein Ali Javidanfar) और उनके साथ के 2 सुरक्षाकर्मियों की हत्या ईरान द्वारा पाकिस्तान के अंदर घुस कर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए की गई एयरस्ट्राइक के ठीक एक दिन बाद की गई है।
Jaish al-Adl has claimed responsibility for the attack that killed IRGC's Colonel Hossein Ali Javedanfar. Jaish claims that Colonel Hossein Ali was travelling with his 2 bodyguards and they were targeted as well. (Their condition remains unknown) #Iran https://t.co/ZloqCS4a98
— FJ (@Natsecjeff) January 17, 2024
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर (IRGC) के सैन्य अधिकारी और उनके सुरक्षाकर्मियों पर ये जानलेवा हमला पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे अशांत दक्षिणपूर्वी प्रांत में किया गया। ईरानी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने बुधवार (17 जनवरी 2024) को ये जानकारी दी। हमलावारों की पहचान करने और उनका पीछा करने की कोशिशें जारी हैं।
आतंकवादी समूह जैश उल-अदल (Jaish al-Adl) ने 17 जनवरी 2024 को ही इस हमले की जिम्मेदारी भी ले ली। यह वही आतंकी समूह है, जिसके ठिकानों को बर्बाद करने के लिए ईरान की वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस कर बमबारी की।
दरअसल ईरान ने पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी समूह जैश उल-अदल के दो ठिकानों पर एक दिन पहले ही हवाई हमला किया था। ईरान के हमलों को अवैध बताते हुए पाकिस्तान ने तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के सामने विरोध दर्ज कराया था। साथ ही गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी भी जारी की थी।
इस हमले की बौखलाहट में पाकिस्तान ने उसकी संप्रभुता का उल्लंघन कर हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने का हवाला देकर तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला डाला और इस्लामाबाद से ईरानी राजदूत को भी निष्काषित कर डाला है।
क्या है जैश उल-अदल (Jaish al-Adl), कहाँ है इसका ठिकाना
ईरान का कहना है कि पाकिस्तान की सीमा का इस्तेमाल बलूचिस्तान प्रांत से ऑपरेट करने वाला आतंकवादी समूह जैश उल-अदल कर रहा है। साल 2012 में बना ये आतंकी संगठन अपनी अधिकांश आतंकी गतिविधियों का संचालन पाकिस्तान से करता है। ईरान के अनुसार जैश-उल-अदल आतंकवादी समूह का बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में ठिकाने हैं।
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के मुताबिक, जैश अल-अदल सिस्तान-बलूचिस्तान में सक्रिय बेहद सक्रिय और प्रभावशाली सुन्नी आतंकवादी समूह है। रिपोर्ट के मुताबिक, जैश उल-अदल नाम के आतंकी संगठन ने पहले पाकिस्तान से सटे सीमा क्षेत्र में ईरानी सुरक्षा बलों पर हमले किए थे।
यह वही इस्लामी आतंकी समूह है, जिसने दिसम्बर 2023 में ईरान के हिस्से में पड़ने वाले बलूचिस्तान प्रांत में एक पुलिस थाने पर हमला किया था। इस हमले में 11 पुलिसकर्मी मारे गए थे। पाकिस्तान के भीतर घुस कर किया गया हवाई हमला इसी की प्रतिक्रिया में ईरानी वायुसेना ने किया है।