कॉन्ग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में अनशन रखा था, जिसके बाद अब वो मुसीबतों में घिर गई हैं। उन्होंने 3 दिनों का अनशन किया था और सनातन धर्म के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किए थे। अब वो जहाँ रहती हैं उसी सोसाइटी ने उनका विरोध किया है। सोसाइटी ने उन्हें पत्र लिख कर कहा कि या तो वो अपनी हरकत के लिए माफ़ी माँगें, या फिर सोसाइटी छोड़ कर चली जाएँ। सरन्या अय्यर दिल्ली के जंगपुरा इलाके में रहती हैं।
हालाँकि, सुरन्या अय्यर ने फेसबुक पर सफाई देते हुए कहा है कि जिस रेसिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी (RWA)’ की बात हो रही है, वहाँ वो रहती ही नहीं हैं। साथ ही उन्होंने मीडिया से बात न करने का ऐलान करते हुए कहा कि मीडिया भारत में और विदेश में ज़हर व भ्रम फैलाने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि वो पिछले 50 वर्षों से विभिन्न राजनीतिक दृष्टिकोणों के बीच पली-बढ़ी हैं, और एक्टिविज्म किया है। उन्होंने कहा कि वो सोशल मीडिया के माध्यम से ही अपनी बात रखेंगी।
इससे पहले मणिशंकर अय्यर की बेटी ने एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें उनकी माँ उन्हें शहद पिला कर उनका अनशन तुड़वाते हुए दिख रही हैं। इससे सोसाइटी के लोगों में नाराज़गी का माहौल पनप आया। लोग कह रहे हैं कि कॉन्ग्रेस नेता की बेटी माफ़ी माँगे। कुछ दिनों पहले मणिशंकर अय्यर की दूसरी बेटी यामिनी से जुड़े थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR)’ का अवैध गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया था।
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सार्वजनिक विरोध और हिंदू धर्म के खिलाफ FB पोस्ट पर बवाल!!
— Shivam Pratap Singh (@journalistspsc) January 30, 2024
अब उनकी सोसायटी JEWA की RWA ने उन्हें पत्र लिखा है कि या तो वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगे नही तो सोसायटी छोड़ कर जाए.#RamMandir pic.twitter.com/9edUkYiWxY
RWA सुरन्या अय्यर को भेजे गए पत्र में कहा है कि वहाँ के सभी बाशिंदे शांति से रहें और उनकी भावनाओं को ठेस न पहुँचे, ये ध्यान रखना उनकी जिम्मेदारी है। RWA ने सुरन्या अय्यर के फेसबुक पोस्ट की निंदा करते हुए कहा कि सुरन्या अय्यर को पता होना चाहिए कि ये मंदिर 500 वर्षों के संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा 5-0 से दिए गए फैसले के बाद बन रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच अविश्वास और घृणा नहीं फैलाया जाना चाहिए, इससे कॉलोनी का नाम खराब हो रहा है।
इससे पहले अनशन की सूचना देते हुए फेसबुक पर सुरन्या ने लिखा था, “दिल्ली सल्तनत ने भी भारत को बेशकीमती चीजें दी हैं, क्योंकि सूफी और अमीर खुसरो के अब्बा उनके साथ ही आए थे। उत्तर भारत की भाषा और संस्कृति खुसरो की एहसानमंद है। मुग़ल यहाँ मुस्लिमों को ही हरा कर आए थे। बाबर ने पंजाब में दौलत खान और दिल्ली में इब्राहिम लोदी को हराया। मुगलों ने राजपूतों के साथ वैवाहिक संबंध बनाए। मुगलों की नीति मंदिर तोड़ने की नहीं थी, उन्होंने तो मंदिर बनवाए। झूठ, हिंसा, द्वेष और प्रतिशोध पर बने मंदिर पर कोई कैसे ख़ुशी बना सकता है?”