मोहम्मद जुबैर अपने AltNews के फैक्टचेक के आगे फॉरेंसिक रिपोर्ट को भी कुछ नहीं समझता है। उसके लिए पुलिस प्रशासन की जाँच तभी मायने रखती हैं जब वो उसके फैक्टचेक के पक्ष में हों। अगर ऐसा नहीं होता तो वो पुलिस-प्रशासन सबका विरोध करके खुद को सही साबित करने पर अड़ जाता है। जैसा वो इस बार कर रहा है।
कर्नाटक विधानसभा में हुई नारेबाजी मामले में जाँच रिपोर्ट आने के बाद भी जुबैर ने अपने एक पोस्ट में फिर से ये बताया है कर्नाटक विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नारे नहीं लगे थे बल्कि ‘नासिर साहब जिंदाबाद’ के नारे लगे थे। अपने पोस्ट में उसने दक्षिणपंथियों को निशाना बनाया है और खुद को सही साबित करने का पूरा प्रयास किया है।
पोस्ट में उसने लिखा, “कर्नाटक पुलिस ने विधान सौध में कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। गृह मंत्री ने भी बयान देकर इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे। बहुत से लोग चाहते हैं बेंगलुरु पुलिस मेरे ट्वीट के लिए मुझे गिरफ्तार करे। लेकिन, मैं अपने ट्वीट पर अपनी तटस्थ हूँ। मैं 100 फीसद श्योर हूँ कि वहाँ पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बल्कि नासिर साब जिंदाबाद कहा गया।”
Karnataka Police has arrested 3 individuals for allegedly raising 'Pakistan Zindabad' slogans in Vidhana Soudha. The Home Minister has also given a statement confirming that Pro-Pakistan sloganeering were raised.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 5, 2024
Many want @BlrCityPolice to arrest me for my tweet. But 𝐈… https://t.co/7dk9qUFGHt
आगे उसने दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूजर्स को निशाना बनाते हुए कहा कि एक्स पर राइट विंग के लोग और मीडिया, विपक्षियों पर और उनके समर्थकों पर पाकिस्तान समर्थन में नारे लगाने की बात कहते दिखे थे। उसने कहा, “ये सारा झूठा मामाला कन्नड़ न्यूज चैनल ने शुरू किया था जिसे वहाँ मौजूद कई पत्रकारों ने नकारा। लेकिन राइट विंग के ट्रोल्स चाहते हैं सच्चाई बताने के लिए पुलिस मुझे गिरफ्तार करे।”
अपने आप को पाक साफ दिखाने के लिए जुबैर ने कॉन्ग्रेस सरकार को उकसाने का काम किया। उसने 3 मामलों का जिक्र करके बताना चाहा कि कैसे कर्नाटक में कॉन्ग्रेस के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया जाता रहा लेकिन उन्हें उसका काउंटर करना तक नहीं आता।
हनुमान पताका से लेकर हिंदू मंदिर का मुद्दा उठाया
अपने ट्वीट में उसने ये दिखाना चाहा कि आज सब उसकी गिरफ्तारी की बात कर रहे हैं लेकिन जब मीडिया ने और भाजपा वालों ने फर्जी खबर फैलाई थी तब उनके ऊपर क्यों कार्रवाई नहीं हुई। अपनी ओर से ध्यान भटकाने के लिए जुबैर ने अपनी पोस्ट में बीते दिनों मीडिया में उठे तीन मामलों का जिक्र किया। इसमें एक वो मामला है जब मांड्या जिले से हनुमान पताका उतारने की घटना सामने आई थी।
इसमें जुबैर का कहना है कि पताका सरकारी जमीन पर फहराई गई थी जहाँ राष्ट्रीय ध्वज और कर्नाटक ध्वज फहराने की इजाजत थी। लेकिन मीडिया ने प्रोपगेंडा एक महीने से ज्यादा चला दिया। इसके बाद उसने दूसरे मामला ये उठाया कि फरवरी में मीडिया ने फैलाया था कि कॉन्ग्रेस हिंदू मंदिरों से पैसे लेकर दूसरे मजहब के संस्थानों को फंड करती हैं। जुबैर के अनुसार ये झूठा दावा था फिर भी कॉन्ग्रेस सरकार ने एक्शन नहीं लिया।
ऐसे ही तीसरा मामला उसने उस खबर का जिक्र किया जिसमें बताया गया था कि सिद्धारमैया सरकार ने हिंदू मंदिरों पर 10% टैक्स लगाने वाले बिल को पास कर दिया है। जुबैर का कहना है कि ये बिल तो 2011 में येदियुरप्पा सरकार में आया था। इसका मकसद था कि छोटे हिंदू मंदिरों की जरूरत बड़े हिंदू मंदिरों से मिलने वाले दान से पूरी की जाए, लेकिन मीडिया ने फिर भी कॉन्ग्रेस के खिलाफ हिंदू विरोधी प्रोपेगेंडा चलाया और पार्टी इनका काउंटर भी नहीं कर पाई। न एक्शन लिया।
जुबैर ने अपने पोस्ट में कॉन्ग्रेस को तो मीडिया के खिलाफ एक्शन लेने के लिए उकसाया ही। साथ ही इस बात पर नाराजगी दिखाई कि जब इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आखिर क्यों पाकिस्तान जिंदाबाद नारे लगाने पर उन्हें पकड़ा गया। वो 2022 में मांड्या में एक भाजपा समर्थक द्वारा लगाए गए नारों का उदाहरण देकर ये समझाने की कोशिश करता है कि जैसे उससे पाकिस्तान मुर्दाबाद की जगह पाकिस्तान जिंदाबाद निकल गया। वैसे ही हो सकता है इस मामले में भी हुआ हो।
पहली बार झूठी खबर देने के लिए नहीं बदनाम हुआ जुबैर, आदत पुरानी
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक द्वारा इस तरह का कृत्य किया गया हो। वो पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है। भीलवाड़ा मामले में रैली के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद कहा गया था। लेकिन जुबैर ने अपनी थ्योरी लगाकर कहा वो SDPI जिंदाबाद कहा गया था। इसके बाद ऑल्ट न्यूज के दूसरे सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा भी बोलने लगे कि खबर गलत है।
जुबैर, जो आज मीडिया पर प्रोपेगेंडा चलाने का इल्जाम लगा रहा है, उसकी खुद हमेशा भ्रामक खबरें फैलाने के कारण सोशल मीडिया पर थू-थू होती है। उसकी ही तुच्छ हरकत थी जब उसने नुपूर शर्मा की आधी-अधूरी वीडियो शेयर करके अपना एजेंडा चलाया था। नतीजा क्या हुआ था, सबने देखा था। सामान्य जिंदगी गुजार रहे लोगों की जान चली गई थी। सड़कों पर खड़े हिंदुओं पर हमला हुआ था। खुलेआम सिर तन से जुदा के नारे लगाए गए ते