तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ जाँच एजेंसी ED ने बड़ा खुलासा किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि कॉन्ग्रेस सांसद ने 50 लाख रुपए घूस लिया। गुरुवार (21 मार्च, 2024) को ये खुलासा हुआ। चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए कार्ति चिदंबरम ने अपने एक करीबी सहयोगी के माध्यम से घूस की ये रकम ली थी। पंजाब में पॉवर प्लांट स्थापित करने वाली एक कंपनी का नाम भी इसमें सामने आया है। घूस के लिए भी खेल किया गया।
ED ने बताया है कि एक फर्जी कैश लेनदेन के जरिए इस घूस की रकम को स्वीकार किया गया। एक फर्जी कंपनी के माध्यम से ये पैसा लिया गया, जिसमें कार्ति चिदंबरम डायरेक्टर के पद पर थे। उस कंपनी पर उनका प्रभावी नियंत्रण था। 52 वर्षीय कार्ति चिदंबरम UPA सरकार में गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय सँभाल चुके P चिदंबरम के बेटे हैं। जाँच एजेंसी ने इस केस में कई बार कार्ति चिदंबरम का बयान दर्ज किया है। वो एयरटेल-मैक्सिस केस में भी आरोपित हैं।
अब उनके खिलाफ ED ने चार्जशीट दायर की है। इसमें ‘एडवांस स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड’ और कार्ति चिदंबरम के करीबी अकाउंटेंट S भास्कररमन के अलावा पॉवर प्लांट स्थापित कर रही कंपनी तलवंडी साबो प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम है। विशेष PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग) अदालत ने 15 अप्रैल को कार्ति चिदंबरम को पेश होने के लिए कहा है। चीनी कंपनी ने कार्ति चिदंबरम से मदद माँगी थी, जिनके पिता तब केंद्रीय गृह मंत्री हुआ करते थे।
STORY | Karti Chidambaram took Rs 50L bribe through close aide in Chinese visa case: ED
— Press Trust of India (@PTI_News) March 21, 2024
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फर्जी सेवाओं के लिए लेनदेन की एंट्री दर्ज की गई और घूस की रकम इसी माध्यम से ली गई। उसके बाद S भास्कररमन ने इसे कार्ति चिदंबरम के नियंत्रण वाली कंपनी में इन्वेस्ट किया। निवेश की गई ये धराशि बाद में बढ़ कर 1.59 करोड़ रुपए हो गई। कार्ति चिदंबरम इस जाँच पर संदेह जता चुके हैं और इसे बदला लेने की कार्रवाई बता चुके हैं। इस मामले में पहले CBI ने FIR दर्ज की थी। कार्ति चिदंबरम INX मीडिया केस में भी आरोपित हैं।