मॉस्को आईएस हमले में करीब सौ लोगों की जान जा चुकी है। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि जब आतंकी अंधाधुँध फायरिंग कर रहे थे, तो लोग एक-दूसरे के ऊपर से चढ़कर भाग रहे थे। रूस की राजधानी मॉस्को के बाहरी शहर में स्थित क्रॉकस सिटी हाल में आयोजित कॉन्सर्ट के दौरान आईएसआईएस-के के आतंकियों ने हमला कर दिया। उस समय कॉन्सर्ट में 6200 लोग मौजूद थे। बताया जा रहा है कि जब मशहूर बैंड ‘पिकनिक’ अपनी प्रस्तुति देने ही वाला था, तभी ये हमला किया गया। इस हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने भयावह हालात के बारे में बताया है।
आईएसआईएस-के ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले के समय क्रॉकस सिटी हाल में मौजूद रहे प्रत्यक्षदर्शी एलेक्सी ने कहा, “जैसे ही गोलीबारी शुरू हुई मुझे एहसास हुआ कि यह आतंकवादी हमला हो सकता है।” एक पत्रकार ने दावा किया कि हमलावरों ने सुरक्षा बलों की वर्दी में क्रोकस सिटी हॉल में प्रवेश किया और अंधाधुंध गोलीबारी की। आतंकियों ने विस्फोटक से हॉल में धमाका भी किया, जिससे वहाँ आग लग गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “अचानक से हमारे पीछे से धमाके और गोलीबारी की आवाज आने लगी। मुझे नहीं पता था कि क्या हुआ है। गोलीबारी की आवाज आते ही लोगों में भगगड़ मच गई। सभी लोग दौड़कर एस्केलेटर की ओर भागे। हर कोई चिल्ला रहा था, हर कोई दौड़ रहा था।”
बता दें कि मॉस्को के पास क्रोकस सिटी हॉल में कॉन्सर्ट पर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट-खोरासान(ISIS-K) ने ली है। इस हमले में अब तक 93 लोगों की मौत हो चुकी है, तो 140 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
रूस ने गोलीबारी की घटना को आतंकवादी हमला करार दिया है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह एक आतंकवादी हमला है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस घृणित अपराध की निंदा करनी चाहिए। मॉस्को के मेयर ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हमले के बाद मॉस्को में होने वाले सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मॉस्को में हुए आतंकी हमले को भयानक बताया। हालाँकि उन्होंने कहा कि इस हमले का यूक्रेन युद्ध से संबंधि होने का तत्काल कोई संकेत नहीं है। अमेरिका ने ये भी कहा कि इस हमले के बारे में 15 दिन पहले ही चेतावनी दी गई थी। अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की प्रवक्ता एडरीन वॉटसन ने कहा, “इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी सरकार के पास मॉस्को में एक सुनियोजित आतंकी हमले की सूचना थी, जिसमें कॉन्सर्ट जैसे भारी भीड़ वाली जगहें निशानें पर थीं।” हालाँकि रूस ने इसे प्रोपेगेंडा कहकर खारिज कर दिया था।