Sunday, November 17, 2024
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रावण का वीडियो देखा, अब पढ़िए चैट्स (वायरल और डिलीटेड): वाल्मीकि समाज की जिस बेटी ने UN में रखा भारत का पक्ष, कैसे दिया उसे धोखा

रोहिणी घावरी ने बताया था कि उसने हमेशा साथ रहने का वादा किया था, लोगों के मना करने के बावजूद उन्होंने सब दाँव पर लगा कर चंद्रशेखर का साथ दिया। हालाँकि, रोहिणी कहती हैं कि उन्हें धोखा मिला, बीच रास्ते में उन्हें छोड़ कर वो चला गया और विदेश में इस हादसे ने उन्हें तोड़ दिया।

‘भीम आर्मी’ के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ के साथ अपने पुराने रिश्ते को लेकर स्विट्जरलैंड में Ph.D कर रहीं वाल्मीकि समाज की रोहिणी घावरी चर्चा में हैं। अब उन्होंने उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ का एक वीडियो शेयर किया है, जो इन दोनों के वीडियो कॉल के दौरान का है। इसमें वो रोता हुआ दिख रहा है। मूल रूप से मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली रोहिणी का कहना है कि झूठे आँसू दिखा कर और अपनी शादी छिपा कर ‘रावण’ कई मासूम लड़कियों का जीवन बर्बाद कर चुका है।

रोहिणी घावरी और चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ के चैट्स हुए थे वायरल

चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ के कैरेक्टर को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। रोहिणी घावरी के साथ उसकी तस्वीरें भी सामने आई थीं, जिनमें दोनों मास्क लगाए दिख रहे हैं और एक-दूसरे के काफी करीब नजर आ रहे हैं। एक चैट स्क्रीनशॉट में चंद्रशेखर ने अपनी उदास तस्वीर भेजते हुए रोहिणी को लिखा था, “मुझे गर्व है आप पर। आप सम्मान की हकदार हो। आप इनका अधूरा सपना ज़रूर पूरा करोगे। मैं लगभग हार मान चुका हूँ।” एक अन्य स्क्रीनशॉट भी चैट का वायरल हुआ था।

इसमें चंद्रशेखर ने लिखा है, “सच कहा आपने, इसीलिए मुझे छोड़ देना चाहिए आपको। ये ही तो कह रही हो आप। समाज भी मेरा साथ नहीं दे रहा, मुझे भी समाज को छोड़ देना चाहिए।” घावरी ने इस पर जवाब दिया था, “मैं बिना कमिटमेंट के नहीं रह सकती। मेरी भी सेल्फ-रेस्पेक्ट है। ख्याल रखना अपना, हेल्थ चेकअप कराते रहना। बाय।” इस पर ‘रावण’ ने लिखा था, “अब जो भी होगा उसके लिए आप भी जिम्मेदार होंगी – हार या जीत ज़िंदगी में।”

तब रोहिणी ने ये भी बताया था कि उनकी हँसती-खेलती ज़िंदगी में आकर एक व्यक्ति ने रात-रात भर अपने तकलीफ-संघर्ष की कहानियाँ सुनाई और ये एहसास कराया कि उसे कभी प्यार नहीं मिला, आंदोलन को सफल बनाने के लिए उसे रोहिणी जैसी बुद्धिजीवी महिला की आवश्यकता है। घावरी ने बताया था कि उसने हमेशा साथ रहने का वादा किया था, लोगों के मना करने के बावजूद उन्होंने सब दाँव पर लगा कर चंद्रशेखर का साथ दिया। हालाँकि, रोहिणी कहती हैं कि उन्हें धोखा मिला, बीच रास्ते में उन्हें छोड़ कर वो चला गया और विदेश में इस हादसे ने उन्हें तोड़ दिया।

रोहिणी घावरी इसे अपने जीवन का सबसे दर्दनाक हादसा बताते हुए कहती हैं कि इसने उन्हें बुरी तरह तोड़ कर रख दिया। उलटे लोग उन्हें भी गंदा बोलते रहे, और वो समाज का नेता बना रहा। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं रोहिणी घावरी और चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ पहले एक-दूसरे के ट्वीट्स को रीट्वीट भी करते थे, लेकिन 5 नवंबर, 2023 में अंतिम बार ऐसा हुआ था। उलटे रोहिणी घावरी को ही सोशल मीडिया पर ‘भीम आर्मी’ समर्थकों ने खरी-खोटी सुनाई थी।

अब रोहिणी घावरी ने जारी किया चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ का वीडियो

इस वीडियो को जारी करते हुए रोहिणी घावरी ने कहा कि उन्होंने झूठे आँसू दिखा-दिखा कर उन्हें उन पर विश्वास करने के लिए मजबूर कर दिया। बकौल रोहिणी, ये उनकी गलती है कि ‘रावण’ को उन्होंने सच्चा आंदोलनकारी इंसान मान कर उनके साथ खड़ी हो गईं। रोहिणी का आरोप है कि चंद्रशेखर ने उस समाज के सामने उन्हें झूठा साबित कर दिया, जिसके लिए वो विदेश में रह कर भी सोचती हैं। उनका कहना है कि उन्होंने सच्ची लड़की होने की सज़ा भुगती, अकेले रह कर जिस मानसिक पीड़ा से उन्होंने खुद को सँभाला उसके बारे में वो ही समझती हैं।

उन्होंने इस वीडियो के साथ लिखा, “अब कभी जीवन में किसी मर्द पर भरोसा नहीं कर पाऊँगी इसलिए शादी रिश्ते जैसी चीज़ो से बहुत दूर हो चुकी हूँ। अब मेरा बचा हुआ जीवन देश और समाज को समर्पित। मैं झूठे आरोप झेल झेल के थक गई हूँ अब जब भी कुछ अच्छा करती हूँ लोग मेरा चीरहरण करना शुरू कर देते है। एक लड़की होने की खूब सज़ा मिल रही है मुझे। जैसे पूरा समाज बेवक़ूफ़ बन रहा है में भी बन गई। मैंने तो पूरी ईमानदारी से दूसरे देश में रहकर भी साथ निभाया था यही सोच के त्याग था की समाज के लिए दोनों मिलकर कुछ अच्छा करेंगे।”

कौन हैं स्विट्जरलैंड में Ph.D कर रही दलित रोहिणी घावरी

रोहिणी घावरी वाल्मीकि समाज से आती हैं और खुद को दलितों का ठेकेदार बताने वाले कुछ नेताओं द्वारा ब्राह्मणों के प्रति घृणा फैलाए जाने से ताल्लुक नहीं रखती। उलटा उन्होंने बताया है कि वो वाल्मीकि समाज से आती हैं और ब्राह्मणों का उनके जीवन में बहुत योगदान है। उन्होंने बताया कि उनके शिक्षक शर्मा सर ने उन्हें 1 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप की जानकारी दी। स्विट्जरलैंड में जिस आभा ने उनका साथ दिया, वहाँ रहना सिखाया वो भी ब्राह्मण हैं।

रोहिणी घावरी संयुक्त राष्ट्र (UN) में भी संबोधन दे चुकी हैं। उन्होंने बताया था कि वहाँ भी जाने के लिए उनके एक पंडित अंकल ने उनका मार्गदर्शन किया। इसीलिए, वो कहती हैं कि वो ब्राह्मणों को गाली देकर एहसानफरामोशी नहीं कर सकतीं। बता दें कि वो UN में राम मंदिर को लेकर पाकिस्तान को खरी-खरी सुना चुकी हैं। उन्होंने ‘जय श्री राम’ का उद्घोष करते हुए कहा था कि दुनिया के हर हिन्दू के लिए राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा वाला दिन ऐतिहासिक है।

जेनेवा में रह रही रोहिणी घावरी शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ-साथ दलित समाज के लिए भी आवाज़ उठाती रहती हैं। वो बाबासाहब भीमराव आंबेडकर में श्रद्धा रखती हैं। भारत सरकार से उन्हें 1 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप प्राप्त हुई। रोहिणी घावरी ने भारत के ठेकेदारों की पोल खोलते हुए UN में बताया था कि भारत के प्रधानमंत्री OBC समाज से आते हैं, वहाँ के दलित ऑक्सफ़ोर्ड-हार्वर्ड में सरकारी सहायता से पढ़ते हैं, इसके बावजूद विदेशी संस्थाएँ भारत को गलत रूप में पेश करती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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