दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्री अमित शाह का एडिटेड वीडियो शेयर करने के मामले में कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया टीम से जुड़े अरुण रेड्डी को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस ने अरुण रेड्डी को दिल्ली से ही गिरफ्तार किया और अब वो शनिवार (04 मई 2024) को उसे कोर्ट में पेश कर रिमाँड की माँग करेगी। अरुण रेड्डी पर गृह मंत्री अमित शाह का डीपफेक वीडियो फैलाने और सबूत नष्ट करने के आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने उसका मोबाइल फोन जब्त कर जाँच के लिए भेज दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण रेड्डी ‘Spirit of Congress’ नाम से से अकाउंट चलाता है। वो कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया टीम का नेशनल कॉर्डिनेटर भी है, इसके साथ ही वो तेलंगाना में भी कॉन्ग्रेस का सोशल मीडिया देखता है और वो तेलंगाना कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया टीम और नेशनल मीडिया टीम के साथ कोर्डिनेशन का काम भी देखता है।
Delhi Police arrest Arun Reddy, who handles the 'Spirit of Congress' X account, in the Union Home Minister Amit Shah doctored video case: Delhi Police pic.twitter.com/gB5L6Pzcbp
— ANI (@ANI) May 3, 2024
कौन है अरुण रेड्डी?
अरुण रेड्डी ‘स्पिरिट ऑफ कॉन्ग्रेस’ नाम का एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट चलाता है और खुद को कॉन्ग्रेस समर्थक बताता है। उसने अपनी प्रोफाइल में भी खुद को कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया टीम का नेशनल कोऑर्डिनेटर बताया है। अपनी प्रोफाइल फोटो में उसने राहुल गाँधी के ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के पोस्टर वाली तस्वीर भी लगाई है। जिसमें पोस्टर के सामने वो खुद दिख रहा है।
छटपटाया मोहम्मद जुबैर, एक्स पर लिखी ये बात
कॉन्ग्रेसी सोशल मीडिया विंग से जुड़े अरुण रेड्डी की गिरफ्तारी से ‘इकोसिस्टम’ का हिस्सा मोहम्मद जुबैर तिलमिला गया है। उसने एक्स पर लिखा, “सिर्फ बीजेपी के सदस्य और समर्थक ही सोशल मीडिया पर बिना किसी डर के गलत सूचना/दुष्प्रचार फैला सकते हैं। उन्हें इसके लिए पार्टी लीडरशिप से सम्मानित भी किया जा सकता है। अन्य लोग ऐसा करने से पहले 100 बार सोच लें। क्योंकि अगर उनके (बीजेपी) नेताओं के विरोध में गलत जानकारी शेयर की, तो वो तुम्हारे पीछे लग जाएँगे। अमित शाह का एडिटेड वीडियो शेयर करने वाले बहुत सारे लोगों के खिलाफ केस हो चुका है/ गिरफ्तार हो चुके हैं। अमित शाह का इंटेंशनली एडिटेड वीडियो एक व्यक्ति ने पोस्ट गिया, जिसे सोशल मीडिया पर बहुत सारे अकाउंट्स ने बिना जाँच के ही शेयर किया। अब, उस वीडियो की जाँच किए बगैर उसे शेयर करने वाले या तो जेल जा रहे हैं, या एफआईआर झेल रहे हैं। सावधान!”
Only BJP members and supporters can share Misinformation/Disinformation on social media without any repercussion, They infact will be rewarded by the party leadership. Others should think 100 times before doing so. They will go after you for sharing any misleading content against…
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) May 3, 2024
क्या है पूरा मामला
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस मामले में बीते रविवार को बड़ा एक्शन लिया गया था। फर्जी वीडियो फैलाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई थी। इस फर्जी वीडियो को लेकर ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण हटाने की बात कही, जबकि वास्तविकता में उन्होंने ऐसा नहीं कहा था।
पूरे मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष की हताशा और निराशा इस स्तर पर पहुंच गई है कि उन्होंने मेरा और कुछ भाजपा नेताओं का फेक वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया है। उनके मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष आदि ने भी इस फेक वीडियो फॉरवर्ड करने का काम किया है। शाह ने कहा कि जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है तब से वह राजनीति के स्तर को नए निचले स्तर पर ले जाने का काम कर रहे हैं।
असम से लेकर हैदराबाद तक एक्शन
जानकारी के अनुसार, यह गिरफ्तारियाँ भाजपा नेता की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई हैं। इस शिकायत में कहा गया था कि अमित शाह का एडिटेड वीडियो चला कर आरक्षण के संबंध में गलत सूचना फैलाई गई। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम आसमा, गीता, नवीन, शिवा एवं एक अन्य हैं।
इस मामले में देश के अलग-अलग इलाकों से यह फर्जी वीडियो फैलाने के मामले में गिरफ्तारियाँ हुई थीं। अहमदाबाद से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम ने जिन्हें गिरफ्तार किया था, उनके नाम सतीष वरसोला और आर बी बारिया हैं। सतीश वनसोला कॉन्ग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी का ऑफिस संभालता है। उसे कॉन्ग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी का पीए भी बताया जा रहा है। वहीं, आर बी बारिया आम आदमी पार्टी का दाहोद जिले का जिलाध्यक्ष है। दोनों ने गृहमंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए थे।
डीपफेक वीडियो से जुड़े केस में असम के कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ता ऋतम सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। वो असम में कॉन्ग्रेस का सोशल मीडिया देखता है। इस गिरफ्तारी के बारे में खुद असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया था कि उसे गृह मंत्री का फेक वीडियो शेयर करने के मामले में पकड़ा गया है।
इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को भी दिल्ली पुलिस ने समन किया था। हालाँकि, उनकी जगह उनके वकील ने दिल्ली पुलिस को बताया कि मुख्यमंत्री का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। झारखंड के कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को भी इस मामले में समन जारी किया जा चुका है।