इजरायल ने अपने देश में कतर के प्रोपगेंडा चैनेल अल जजीरा का प्रसारण बंद कर दिया है। इस संबंध में इजरायल की संसद ने अप्रैल 2024 में एक कानून पास किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट ने रविवार (5 मई 2024) को इस फैसले पर मतदान किया। इसकी जानकारी नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर भी दी।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा सोशल मीडिया साइट X (इसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर इस फैसले की घोषणा की। उन्होंने हिब्रू भाषा में किए गए अपने पोस्ट लिखा, “मेरे नेतृत्व वाली सरकार ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया: उकसाने वाला चैनल अल जज़ीरा इज़रायल में बंद कर दिया जाएगा।”
वहीं, इस कानून की पुरजोर वकालत करने वाले संचार मंत्री संचार मंत्री श्लोमो करही ने कहा कि इसे लागू कर दिया। करही ने कहा, “हमारे आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे। बहुत अधिक समय बीत चुका है और अल जज़ीरा की अच्छी तरह से उकसाने वाली मशीनरी को रोकने के लिए बहुत सारी अनावश्यक कानूनी बाधाएँ आई हैं, जो राज्य की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाती है।”
संचार मंत्री ने आगे कहा, “हम अभी आदेश जारी कर रहे हैं। हमास का प्रचार [चैनल], जो इज़रायल के खिलाफ भड़काता है, जो इज़रायल और IDF सैनिकों की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाता है, उसका अब प्रसारण नहीं होगा। उसके उपकरण भी जब्त किए जाएँगे।” इस तरह अल जजीरा के उपकरण, कैमरे, माइक्रोफोन, सर्वर, लैपटॉप, वायरलेस ट्रांसमिशन उपकरण और कुछ मोबाइल फोन जब्त हो जाएँगे।
इजरायल का अल जज़ीरा के साथ लंबे समय से खराब रिश्ता रहा है। इजरायल अल जजीरा पर पक्षपात करने और हमास के साथ सहयोग करने का आरोप लगाता है। हालाँकि, कतर द्वारा फंडेड इस मीडिया संस्थान ने इन आरोपों को हर बार खारिज किया है। आतंकी संगठन हमास द्वारा पिछले साल इजरायल में किए गए हमले और उसके बाद इजरायल की कार्रवाई पर अल जजीरा की रिपोर्ट से दोनों के रिश्ते और तल्ख हो गए।
अल जजीरा आतंकी संगठन हमास के कारनामों की जगह इजरायल द्वारा आतंक विरोधी कार्रवाई में हो रहे नुकसान को दुनिया भर में दिखाकर प्रोपगेंडा फैलाता रहा है। इसको देखते हुए पिछले महीने प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अल जजीरा को चेतावनी दी थी और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं करने के लिए कहा था।