Sunday, September 8, 2024
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भारत के साथ रूस: कहा- लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है अमेरिका, धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघन के आरोप निराधार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में बाहरी हस्तक्षेप की बात की थी। उन्होंने कहा था कि पूरी दुनिया भारत के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। ये अपनी राय नहीं दे रहे हैं, वे प्रभावित कर रहे हैं। लेकिन, वे भारत को प्रभावित नहीं कर पाएँगे। भारत के लोगों की अंदरूनी शक्ति जबर्दस्त होती है।

रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि अपने रिपोर्ट के जरिए वह भारत में जारी लोकसभा चुनाव 2024 को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। रूस ने कहा कि अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह धार्मिक स्वतंत्रता अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। इस आरोप का एकमात्र उद्देश्य आम चुनावों को प्रभावित करना था।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने बुधवार (8 मई 2024) को कहा, “धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामले में नई दिल्ली पर अमेरिका के नियमित निराधार आरोप कुछ और नहीं, बल्कि अमेरिका की राष्ट्रीय मानसिकता की गलतफहमी, भारत के विकास के ऐतिहासिक संदर्भ और एक देश के रूप में भारत के प्रति अनादर का प्रतिबिंब है।”

ज़खारोवा ने कहा, “इसका कारण देश में होने वाले आम चुनाव को जटिल बनाने के लिए भारत की घरेलू राजनीतिक स्थिति को अस्थिर करने का इरादा है।” रूसी राजनयिक ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोप उनकी नव-उपनिवेशवादी मानसिकता की अभिव्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि ये दावे एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में भारत के प्रति सम्मान की कमी दर्शाते हैं।

रूस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत पर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का निराधार आरोप लगाया है।आयोग ने भारत को ‘विशेष चिंता वाला देश’ घोषित करने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग को अपनी सिफारिश भी दी है।

रिपोर्ट में सत्ताधारी भाजपा पर ‘भेदभावपूर्ण’ राष्ट्रवादी नीतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। आयोग ने आतंकी निरोधी गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), धर्मांतरण विरोधी कानून और गो-हत्या विरोधी कानूनों को भी चिह्नित किया है।

अमेरिकी आयोग ने कहा कि इन कानूनों को लागू करने के कारण धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनकी ओर से वकालत करने वालों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया, निगरानी की गई और निशाना बनाया गया। हालाँकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप का प्रयास बताया और देश के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए अमेरिकी आयोग की आलोचना की है।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (7 मई 2024) को एक इंटरव्यू में बाहरी हस्तक्षेप की बात की थी। उन्होंने कहा था कि पूरी दुनिया भारत के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। ये अपनी राय नहीं दे रहे हैं, वे प्रभावित कर रहे हैं। लेकिन, वे भारत को प्रभावित नहीं कर पाएँगे। भारत के लोगों की अंदरूनी शक्ति जबर्दस्त होती है।”

प्रधानमंत्री ने कहा था, “आपातकाल के चुनाव के बाद देश ने देख लिया है कि भारत के गरीब आदमी में भी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और आदर्श क्या होते हैं।” बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर ने इस चुनाव को दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव बताया है। इसमें 96.80 करोड़ पंजीकृत मतदाता 12 लाख मतदान केंद्रों अपने मत तका प्रयोग करेंगे। इसके लिए 1.40 करोड़ चुनाव आयोग के कर्मचारी लगे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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