साली तेरी औकात क्या है?
नीच औरत
हड्डी पसली तोड़ देंगे तेरी…
तू हमारी बात नहीं मानेगी…
ऐसी जगह गाड़ेंगे किसी को पता भी नही चलेगा
तुझे तो हम लोग सबक सिखाएँगे…
एक के बाद एक झापड़ मारते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने ये बात महिला सांसद स्वाति मालीवाल को कही थीं।
स्वाति की गलती इतनी थी कि वो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में सवाल-जवाब करने चली गईं थीं।
यही बात मुख्यमंत्री के वफादार बिभव कुमार को नागवार गुजरी।
उसने कमरे में घुसकर पहले महिला सांसद को झापड़ मारे फिर गंदी-गंदी गालियाँ देने लगा।
सांसद बिभव के इस बर्ताव को देख हैरान रह गईं। उन्होंने फौरव उसे चुप होने को कहा।
बिभव कैसे शांत होता… दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल का सबसे खास वही तो है। उस पर सत्ता का खुमार आम राजनेताओं से ज्यादा चढ़ा था।
उसने महिला सांसद के पद की परवाह किए बिना, उन्हें पूरे जोर लगाकर झापड़ मारे।
सांसद चिल्लाती रहीं। उन्हें लगा शायद अरविंद केजरीवाल उन्हें बचाने आएँगे, नहीं तो सुनीता केजरीवाल तो रोकने आएँगीं ही… या परिवार कोई सदस्य, नहीं तो कोई सुरक्षाकर्मी…।
मगर हुआ क्या? कुछ नहीं। बिभव अपनी हैवानियत दिखाता रहा। गालियाँ देता रहा। सांसद चीखतीं रहीं।
जब उनके दर्द की आवाज पूरे आवास में गूँजने के बाद भी वहाँ कोई नहीं पहुँचा तो उन्होंने खुद के बचाव में बिभव को धक्का दिया।
ये धक्का बिभव को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं था। इससे वो और बिदका और उसने जमीन पर गिरी सांसद की जानबूझकर शर्ट खींची।
देखते ही देखते शर्ट के बटन टूट गए, सांसद बार-बार कहती रहीं कि वो ये सब न करें।
मगर बिभव एक बार भी शांत नहीं हुआ। उसने स्वाति को ऐसे मारा कि उनका सिर जाकर सेंटर टेबल पर लड़ा।
वो धड़ाम से गिरीं। बिभव ने उनके पेट पर, पेट के नीचे, छाती पर ताबड़तोजड मारना जारी रखा।
सांसद चिल्लातीं रहीं- मेरे पीरिड्यस चल रहे हैं मुझे मत मारो, बहुत दर्द हो रहा है… लेकिन इतना सब सुनने की बजाय बिभव और जोर से मार रहा था।
आप सोच सकते हैं क्या कि महिला सांसद के साथ बदसलूकी का ये पूरा वाकया देश की राजधानी यानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अपने आवास पर हुआ है। उस आवास पर जहाँ सिर्फ अरविंद केजरीवाल नहीं रहते, जो मान लिया जाए कि शायद उन तक स्वाति मालीवाल की आवाज नहीं पहुँचीं होगी इसलिए उन्होंने उनका बचाव नहीं किया… इसी आवास में केजरीवाल का परिवार भी रहता है। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी रहती हैं जो अपने पति के जेल जाने पर एकदम मीडिया में आ प्रकट हुईं और सिर्फ केजरीवाल के संदेश ही जनता को नहीं दिए बल्कि उनके लिए इंडी गठबंधन की सभा करवाकर उसे संबोधित भी किया था… उस समय सुनीता केजरीवाल जितना दिल्ली की जनता को ये बताने में सक्रिय थीं कि केजरीवाल पूरे दिल्ली को अपना परिवार मानते हैं उस सक्रियता का एक फीसद भी वो इस मामले में नहीं दिखा रही हैं। न ही दिल्ली सीएम की पत्नी होने के नाते, न ही उस घर की निवासी होने के नाते और न ही महिला होने के नाते… सुनीता केजरीवाल इस मामले पर एकदम चुप हैं। उन्हें न तो इस मुद्दे पर सफाई देना जरूरी लग रहा है और ही स्वाति के समर्थन में उतरना।
स्वाति मालीवाल मुद्दे पर मीडिया गिरोह चुप
शर्मनाक बात ये है कि इस मुद्दे पर सिर्फ अरविंद केजरीवाल का और उस घर में मौजूद लोगों का दोहरा रवैया नहीं सामने आया। विपक्ष का भी असली चेहरा उजागर हुआ और साथ ही पूरे मीडिया गिरोह का। सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ उठने वाला एक बिंदु पाकर जो विपक्ष हमेशा बवाल करता है उसका इस मुद्दे पर कहना है कि ये आम आदमी पार्टी का अपना मामला है वो इस पर कुछ नहीं बोलेंगे।
Godi Media will not speak on Swati Maliwal!#SwatiMaliwal pic.twitter.com/VG6RExxeUF
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) May 17, 2024
यूपी में अखिलेश यादव इस मुद्दे को मीडिया के आगे स्पष्ट तौर पर गैर जरूरी कहते हैं। खुद को दिल्ली में इंडी ब्लॉक का हिस्सा बताने वाली महिला सीएम भी इस मुद्दे पर चुप हैं। इसके अलावा उन मीडियाकर्मियों में इस मुद्दे को लेकर एकदम चुप्पी है जिन्हें मोदी विरोधी खबरें आते ही वीडियो बनाने में, आर्टिकल लिखने में खासा दिलचस्पी होती हैं। ऐसे ‘निष्पक्ष’ पत्रकारों के लिए आज ये मुद्दा निजी राय छोड़िए, जनता को दिखाने लायक नहीं है।
ज्यादा वक्त नहीं बीता जब पूरे गिरोह ने मोदी के परिवार पर सवाल उठाकर अपनी नीचता का प्रमाण दिया था। उस समय ऐसे दिखाया गया था कि जो व्यक्ति परिवार नहीं चला सकता वो देश क्या चलाएगा….। इस प्रोपगेंडे का जवाब ‘मोदी का परिवार’ ट्रेंड शुरू होने पर मिला। पर, अब इन सवालों को आज की स्थिति से जोड़कर सोचिए तो पता चलेगा कि अगर परिवार वाले राजनेता इतने संवेदनशील होते हैं कि इतनी बड़ी घटना पर उन्हें चुप रहना उचित लगता है, तो इससे बढ़िया तो मोदी ही हैं। कम से कम रेवन्ना मामले में उन्होंने खुलकर विरोध तो किया था… लेकिन यहाँ क्या हो रहा है?
दिल्ली के सीएम केजरीवाल, उनकी पत्नी, उनके घर में मौजूद अन्य लोग सब इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। हो सकता है कि किसी मुद्दे पर बोलना न बोलना किसी व्यक्ति विशेष का अपना अधिकार होता हो…लेकिन क्या सीएम होते हुए ऐसी चुप्पी रखना उचित है। अरविंद केजरीवाल पूरे परिवार को अपना परिवार बताते हैं। यहाँ की महिलाओं और लड़कियों को अपनी माताएँ-बहनें कहते हैं। क्या इस श्रेणी में स्वाति मालीवाल नहीं आतीं…। उनके लिए आवाज उठाना सीएम का फर्ज नहीं है।
बिभव के लिए माहौल बना रहे AAP समर्थक
बता दें कि ये चुप्पी तब देखने को मिल रही है जब AAP के मंच से संजय सिंह आकर खुद इस घटना की पुष्टि कर चुके हैं और आरोपित पर कार्रवाई की बात भी। लेकिन, कार्रवाई तो दूर सीएम केजरीवाल और संजय सिंह बिभव कुमार को अपने साथ लेकर जगह-जगह घूम रहे हैं। मामले में एफआईआर होने के बाद, सारी डिटेल सामने आने के बाद भी सच्चाई पर कोई जिक्र नहीं हो रहा है। उलटा दो ट्रेंड सोशल मीडिया पर शुरू करवाए जा चुके हैं जिसमें से एक में इस बीच आप समर्थक एक वीडियो शेयर करके स्वाति पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं कि उनके इल्जाम झूठे सकते हैं क्योंकि वो खुद स्टाफ को धमका रही हैं। वहीं दूसरे में बिभव कुमार को बचाने के लिए संवेदनाएँ बटोरी जा रही हैं।
Shame on you. Your own woman MP was beaten inside you residence in your presence and you are busy asking votes accompanied by the accused himself. https://t.co/04FQ3cbhES
— Rekha Sharma (@sharmarekha) May 17, 2024
एक ही किस्म का संदेश लिखकर अलग-अलग अकॉउंट हैंडल से शेयर हो रहा है। कोई अपने अकॉउंट पर कहता है कि बिभव तो बहुत शांत, सरल, सहज स्वभाव वाले हैं। तो कोई कह रहा है कि बिभव गुस्सा कर ही नहीं सकते हैं। इन पोस्टों का पूरा सार यही है कि पाठकों के मन में एक ये छाप छोड़ दी जाए कि बिभव ऐसा कर ही नहीं सकता और जो स्वाति मालीवाल आरोप लगा रही हैं वो उन्हें हजम नहीं हो रहा।
वहीं दूसरी ओर बिभव की हकीकत निकालने में वो वीडियो में शेयर हो रही है जिसमें कभी कुमार विश्वास ने बिभव कुमार के बारे में बताया था थे कि पहले पत्रकार थे। बाद में ये अरविंद केजरीवाल का पीए इसलिए बना क्योंकि ये विरोधियों के चरित्र हत्या करने का काम अच्छे से काम करता था, उनके खिलाफ ट्वीट करवाता था, परिवारों के बारे में गंदी बातें फैलाता था। धीरे-धीरे ये केजरीवाल के करीबी बन गए। एक तरह राजदान।
कुमार विश्वास…
— Alok (@alokdubey1408) May 17, 2024
शायद…
इसी वैभव कुमार के बारे में बता रहे….
केजरीवाल की आत्मा
वैभव कुमार के शरीर में…!!,🥺🥺🥺
हे राम…. pic.twitter.com/p1a3JNENmg
अब हकीकत क्या है? ये पुलिस छानबीन में सामने आ ही जाएगा। अगर स्वाति के इल्जाम सच्चे हैं तो भी अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठेंगे और अगर उनका बिभव कुमार निर्दोष है तो भी सवाल उठेंगे कि इतने दिन तक उन्होंने इस मुद्दे की सच्चाई लगाकर लोगों को सच बताने के प्रयास क्यों नहीं किए। फिलहाल स्वाति मालीवाल द्वारा दायर करवाई गई एफआईआर आम जनता के लिए बेहद हैरान करने वाली और डराने वाली है जो सवाल छोड़ती हैं कि जब महिलाएँ सीएम आवास में सुरक्षित नहीं हैं तो कहाँ होंगी।
मालूम हो कि ऐसा पहली बार नहीं है कि पार्टी से जुड़ी महिलाओं के साथ बदसलूकी मामले में सीएम केजरीवाल का ऐसा गैर जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिला हो। इससे पहले साल 2016 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता ने सुसाइड की थी।
बाद में पता चला था कि पार्टी का कार्यकर्ता उनका यौन उत्पीड़न करता था। उन्होंने इसकी शिकायत केजरीवाल से भी की थी लेकिन उन्होंने कार्रवाई की जगह कहा कि वो इस मामले में समझौता कर लें। वहीं पुलिस ने भी कोई एक्शन नहीं लिया। बाद में अंजाम ये हुआ कि सोनी ने अपना जीवन जहर खाकर खत्म कर लिया।