Friday, November 22, 2024
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अरुंधति रॉय पर UAPA के तहत चलेगा मुकदमा: दिल्ली LG ने दी मंजूरी, कश्मीरी अलगाववादियों के साथ दिया था भड़काऊ भाषण

अरुधंति रॉय और डॉ शेख शौकत हुसैन ने 21 अक्‍टूबर 2010 को एलटीजी ऑडिटोरियम, कॉपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली में 'आजादी - द ओनली वे' के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में कथित तौर पर उत्तेजक भाषण दिए थे।

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इन पर 2010 में ‘आजादी-एकमात्र रास्ता’ के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में कथित रूप से ‘भड़काऊ’ भाषण देने का आरोप है। उस कार्यक्रम में अरुंधति रॉय ने कश्मीरी को भारत से अलग करने के विचारों का समर्थन किया था। इस बात की जानकारी शुक्रवार (14 जून 2024) को दिल्ली स्थित राज निवास द्वारा प्रेस रिलीज के जरिए दी गई।

ये मामला साल 2010 से जुड़ा है। अरुधंति रॉय और डॉ शेख शौकत हुसैन ने 21 अक्‍टूबर 2010 को एलटीजी ऑडिटोरियम, कॉपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली में ‘आजादी – द ओनली वे’ के बैनर तले आयोजित एक सम्मेलन में कथित तौर पर उत्तेजक भाषण दिए थे। सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई और बात की गई, उनमें ‘कश्मीर को भारत से अलग करने’ का प्रचार किया गया था। सम्मेलन में भाषण देने वालों में सैयद अली शाह गिलानी, एसएआर गिलानी (सम्मेलन के एंकर और संसद हमले मामले के मुख्य आरोपित), अरुंधति रॉय, डॉ. शेख शौकत हुसैन और अर्बन नक्सल वरवर राव शामिल थे।

आरोप हैं कि गिलानी और अरुंधति रॉय ने इसका पूरी मजबूती के साथ प्रचार क‍िया था क‍ि कश्मीर कभी भी भारत का हिस्सा नहीं रहा और उस पर भारत के सशस्त्र बलों ने जबरन कब्जा कर क‍िया। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर राज्य को भारत से आजादी द‍िलाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। इस पूरे सम्‍मेलन की शिकायतकर्ता की ओर से र‍िकॉर्ड‍िंग की गई थी जोक‍ि उपलब्‍ध करवायी गई।

इस मामले की श‍िकायत सुशील पंड‍ित की ओर से कोर्ट में 28 अक्‍टूबर 2010 को गई थी ज‍िसके बाद कोर्ट ने 27 नवंबर को एफआईआर दर्ज करने के न‍िर्देश द‍िए थे। श‍िकायत के एक माह बाद 29 नवंबर 2010 को सुशील पंडित की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था।

शिकायतकर्ता ने एमएम कोर्ट, नई दिल्ली के समक्ष सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। द‍िल्‍ली पुल‍िस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 124-ए/153ए/153बी/504 और 505 और 13 यूए (पी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज क‍िया था। यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से पहले एलजी सक्‍सेना की ओर से अक्टूबर, 2023 में आईपीसी की धारा 153ए/153बी और 505 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए उपरोक्त आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत भी मंजूरी दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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