हल्द्वानी के बनभूलपुरा से लापता हुई दोनों हिंदू लड़कियों को मुजफ्फरनगर से बरामद कर लिया है। उनके साथ उन्हें भगाने वाले मुस्लिम किशोर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में आरोपित किशोर की बहन नुरीन उर्फ निशा, बहनोई उजैर उर्फ आसिफ, मामा अब्दुल शमी समेत कुल 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें आमिल हसन भी शामिल है। उसी ने दो दिन तक किशोर और दोनों लड़कियों को अपने घर मुजफ्फरनगर में छिपाकर रखा।
बता दें कि दोनों किशोरियाँ 20 मई को हल्द्वानी के बनभूलपुरा से गायब हो गईं थी। आरोप पड़ोस में रही रहने वाले नाबालिग मुस्लिम युवक पर था। सीसीटीवी फुटेज में सभी लोग बदायूँ की ओर जाते दिखे थे। इस मामले में पुलिस ने किशोर की बहन
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने निशा उर्फ नूरीन, उसके शौहर उजैर उर्फ आसिफ को गिरफ्तार किया। आरोपित किशोर पहले दोनों लड़कियों को लेकर उन्हीं के बदायूँ के सहसवान में मृदाटोला लेकर पहुँचा था। दोनों ने पुलिस की तलाश को देखते हुए उन्हें पैसे देकर मुजफ्फरनगर की ओर रवाना कर दिया, जहाँ आमिल ने उसे अपने घर में शरण दी थी। आमिल बनभूलपुरा के ही रहने वाले अब्दुल समी उर्फ भोला के लगातार संपर्क में था और उसे मालूम था कि तीनों मुजफ्फरनगर में हैं।
पुलिस ने इस मामले में अब आरोपित किशोर, निशा, उजैर, अब्दुल समी उर्फ भोला और मुजफ्फरनगर निवासी आमिल को गिरफ्तार किया है। इस मामले में रविवार को हिंदू संगठनों ने पुलिस को चेतावनी भी दी थी, तो सोमवार को सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए एसएसपी पीएन मीणा से मुलाकात की थी, जिसके बाद एसएसपी ने 24 घंटे के अंदर लड़कियों की बरामदगी का आश्वासन दिया था।
एसएसपी पीएन मीणा ने दोनों किशोरियों की बरामदगी के लिए पुलिस की 4 टीमें लगाई थी, साथ ही साइबर ट्रेसिंग भी लगातार कर रही थी। इसके साथ ही पुलिस लगातार किशोर के संपर्क में रहने वालों से भी पूछताछ कर रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपित किशोर दोनों लड़कियों को लेकर बरेली होकर दिल्ली के लिए निकला था, लेकिन पहुँचा नहीं। इसके बाद से सभी मुजफ्फरनगर में थे और अब पुलिस ने दोनों किशोरियों को बरामद करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। किशोरियों की बरामदगी से पुलिस ने भी राहत की साँस ही है।
बता दें कि फरवरी 2024 में नगर निगम द्वारा सरकारी जमीन से कब्जा हटाए जाने के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जमकर हिंसा की थी। हिंसा की इन वारदातों में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान कट्टरपंथी इस्लामिक भीड़ ने पत्थरबाजी-आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया था और दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था।