Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजकट्टरपंथी इस्लामी संगठन के मंच पर दिखा पूर्व IAS गोपीनाथन: आर्टिकल 370 हटाए जाने...

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के मंच पर दिखा पूर्व IAS गोपीनाथन: आर्टिकल 370 हटाए जाने पर दिया था इस्तीफा

बीते साल, सीएफआई के सदस्यों ने केरल के एर्नाकुलम स्थिम महाराजा कॉलेज में छात्रों के एक समूह को चाकू से गोद दिया था। उसके अब्बा संगठन पीएफआई पर घृणा और सांप्रदायिक घटनाओं को अंजाम देने जैसे गंभीर आरोप हैं। इस संगठन के सदस्यों ने केरल के प्रोफेसर का हाथ काट दिया था।

पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने एक कट्टरपंथी इस्लामी छात्र संगठन के कार्यक्रम में शिरकत की। यह संगठन हिन्दुस्तान और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने के लिए जाना जाता है। गोपीनाथन वही अधिकारी हैं, जिसने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बुधवार को ‘डिकेड ऑफ़ डिगनिटी’ नामक कार्यक्रम का आयोजन कट्टर इस्लामिक संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ़ इंडिया (सीएफआई) की ओर से किया गया था। सीएफआई विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ा है। सीएफआई के सदस्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोटने के आरोप झेल रहे हैं। इस संगठन से जुड़े लोगों पर अपने से परे विचार रखने वाले लोगों की हत्या के गंभीर आरोप हैं। बावजूद इसके सोशल मीडिया पर जमकर नैतिकता बघारने वाले गोपीनाथन ने उसके कार्यक्रम में अपने विचार रखे।

बीते साल, पीएफआई से प्रेरित सीएफआई के सदस्यों ने केरल के एर्नाकुलम स्थिम महाराजा कॉलेज में छात्रों के एक समूह को चाकू से गोद दिया था। वे इस बात से खफा था कि कैंपस के भीतर दूसरे छात्रों ने वॉल राइटिंग कैसे की। एसएफआई के छात्रों पर हमले के इस मामले में सीएफआई के तीन सदस्य बिलाल, फारूक और रियाज गिरफ्तार किए गए थे। कथित तौर पर हमला करने वाली उस भीड़ में 15 और लोग शामिल थे।

अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले का विरोध में आईएएस की नौकरी से इस्तीफ़ा देकर गोपीनाथन सुर्ख़ियों में आए थे। हालाँकि केंद्र सरकार ने अभी तक उनका इस्तीफ़ा मंज़ूर नहीं किया है। इस्तीफ़ा देने के बाद यह बात सामने आई थी कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही थी। यह कार्रवाई कश्मीर पर केंद्र के फैसले से करीब एक महीने पहले 8 जुलाई को शुरू की गई थी।

सीएफआई के अब्बा संगठन पीएफआई पर घृणा और सांप्रदायिक घटनाओं को अंजाम देने जैसे गंभीर आरोप हैं। इस संगठन के सदस्यों ने केरल के प्रोफेसर का हाथ काट दिया था। प्रोफेसर ने कथित तौर पर पैंगबर मुहम्मद का अपमान किया था। नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने केरल में लव-जिहाद को बढ़ावा देने के पीछे इस संगठन का हाथ पाया है। बता दें कि पीएफआई की राजनीतिक इकाई एसडीपीआई भी विवादों से अछूती नहीं है। केरल के कन्नूर में हुई एबीवीपी के कार्यकर्ता की हत्या के सिलसिले में एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी

नाम अब्दुल मोहसेन, लेकिन इस्लाम से ऐसी ‘घृणा’ कि जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में भाड़े की BMW से लोगों को रौंद डाला: 200+ घायलों...

भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।
- विज्ञापन -