Sunday, November 24, 2024
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हिज्बुल्लाह चीफ की मौत से तिलमिलाए ईरान ने इजरायल पर दागीं 181 मिसाइलें: नेतन्याहू बोले- तेहरान ने भारी गलती कर दी, चुकानी होगी बड़ी कीमत, US ने दिया समर्थन

नेतन्याहू ने कहा, "ईरानी सरकार हमारी खुद की रक्षा करने और अपने दुश्मनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की हमारी दृढ़ता को नहीं समझती है। (हमास नेता याह्या) सिनवार और (हमास के शीर्ष सैन्य कमांडर मोहम्मद) देफ ने भी इसे नहीं समझा था। (हिजबुल्लाह नेता हसन) नसरल्लाह और (हिजबुल्लाह के चीफ ऑफ स्टाफ फुआद) शुक्र ने भी इसे नहीं समझा। अब तेहरान भी समझेगा।"

इजरायल की कार्रवाई में लेबनान के आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह के चीफ नसरल्लाह की मौत से ईरान बौखला गया है। उसने मंगलवार (1 अक्टूबर 2024) की रात इजरायल पर कम से कम 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान के हमले के बाद अब इजरायल ने उसे अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। इजरायल ने कहा कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती कर दी है।

ईरान के मिसाइल दागने के बाद पूरे इजरायल में 1,800 रॉकेट सायरन बजने लगे और लोग अपने-अपने सुरक्षित ठिकानों पर पहुँचने लगे। ये मिसाइलें नागरिक इलाकों में गिरी। कुछ मिसाइलें घरों और स्कूलों पर गिरीं। हमले में हताहतों की सही जानकारी अभी सामने नहीं आई है। हमले के बाद इज़रायली सेना IDF ने कसम खाई है कि वह इसका जोरदार जवाब देगा।

ईरान ने कहा कि उसने हिज़्बुल्लाह, हमास और ईरानी सेना के नेताओं की हत्या के प्रतिशोध में मिसाइलें दागीं। इसने हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और रिवॉल्यूशनरी गार्ड के जनरल अब्बास निलफ़ोरुशान का संदर्भ दिया, जो पिछले सप्ताह बेरूत में एक इज़राइली हवाई हमले में मारे गए थे। इसमें हमास के एक शीर्ष नेता इस्माइल हनीयेह का भी उल्लेख किया गया, जिनकी जुलाई में एक संदिग्ध इज़राइली हमले में तेहरान में हत्या कर दी गई थी।

इजरायल पर हमले का आदेश इजरायल के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने दिया था। अब इजरायल के तेवर को देखते हुए अमेरिका ने कहा, “हम इस हमले के खिलाफ इजरायल की रक्षा के लिए रक्षात्मक तैयारियों का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहे हैं। ईरान की ओर से इजरायल पर सीधा सैन्य हमला ईरान के लिए गंभीर परिणाम लाएगा।”

हमला काफी हद तक असफल रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेहरान को चेतावनी दी कि उसने एक बड़ी गलती की है और इसके लिए उसे भुगतान करना होगा। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमले में लगभग 181 मिसाइलें लॉन्च की गईं। इज़राइल रक्षा बलों ने कहा कि उन्होंने उनमें से बड़ी संख्या को नाकाम कर दिया।

नेतन्याहू ने कहा, “ईरानी सरकार हमारी खुद की रक्षा करने और अपने दुश्मनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की हमारी दृढ़ता को नहीं समझती है। (हमास नेता याह्या) सिनवार और (हमास के शीर्ष सैन्य कमांडर मोहम्मद) देफ ने भी इसे नहीं समझा था। (हिजबुल्लाह नेता हसन) नसरल्लाह और (हिजबुल्लाह के चीफ ऑफ स्टाफ फुआद) शुक्र ने भी इसे नहीं समझा।”

उन्होंने आगे कहा, “शायद तेहरान में ऐसे लोग भी हैं, जो इसे नहीं समझते। वे समझेंगे। हम पर जो भी हमला करेगा, उस पर हम हमला करेंगे।” उन्होंने कहा कि ऐसा हर जगह हुआ है, जहाँ इजरायल आज ‘बुराई की धुरी’ से लड़ता है। ये जगह हैं वेस्ट बैंक, गाजा, लेबनान, यमन, सीरिया और ईरान।

समर्थन देने के लिए नेतन्याहू ने अमेरिका को धन्यवाद भी दिया है। तनाव को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ ईरानी प्रतिक्रिया को दबाने में मदद करने के लिए अमेरिका ने इस क्षेत्र में एक विमानवाहक पोत तैनात किया है। तनाव को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ ईरानी प्रतिक्रिया को दबाने में मदद करने के लिए अमेरिका ने इस क्षेत्र में एक विमानवाहक पोत तैनात किया है।

ईरान ने आखिरी बार अप्रैल में इजरायल पर हमला किया था, लेकिन उसकी मिसाइलों को पांच सेनाओं: इजरायल, अमेरिका, फ्रांस, जॉर्डन और यूनाइटेड किंगडम की एकीकृत कार्रवाई ने नाकाम कर दिया था।ऐसा माना जा रहा है कि यह हमला अप्रैल में ईरान द्वारा इजरायल पर दागे गए 120 बैलिस्टिक मिसाइलों, 170 ड्रोन और दर्जनों क्रूज मिसाइलों से बड़ा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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