उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में रविवार (13 अक्टूबर, 2024) को माँ दुर्गा के मूर्ति विसर्जन जुलूस में एक हिन्दू युवक की हत्या कर दी गई। इस जुलूस पर मुस्लिम भीड़ ने पथराव किया। इस हत्या का आरोप अब्दुल हमीद, सरफराज, फहीम और साहिर खान आदि पर लगा है। मृतक का नाम रामगोपाल मिश्रा है। रामगोपाल मिश्रा की महज 2 माह पहले ही शादी हुई थी। कातिलों का नेपाल से भी कनेक्शन सामने आया है। ऑपइंडिया ने इस दंगे से जुड़ी कुछ अन्य जमीनी जानकारियाँ जुटाईं हैं, साथ ही चश्मदीदों से बातचीत भी की है।
वृद्ध पिता बेसुध, पत्नी 2 माह में विधवा
इस घटना को लेकर ऑपइंडिया ने रामगोपाल के भाई हरिमिलन मिश्रा से बात की। हरिमिलन ने बताया कि वह कुल 3 भाई थे जिसमें अब रामगोपाल दुनिया में नहीं है। रामगोपाल की उम्र मात्र 22 साल थी। वह रामगाँव थानाक्षेत्र के रेहुआ मंसर गाँव में रहते थे। रामगोपाल के पिता कैलाशनाथ 75 वर्ष के हो चुके हैं। बेटे की मौत के बाद उनकी भी तबियत काफी खराब हो गई है। परिजन और अन्य रिश्तेदार जैसे-तैसे उनको संभालने की कोशिश कर रहे हैं।
रामगोपाल 3 भाइयों में सबसे छोटे थे। वो और उनके घर के अन्य पुरुष मेहनत-मजदूरी के साथ खेती-बाड़ी कर के गुजर-बसर करते थे। महज 2 महीने पहले ही रामगोपाल की शादी पास के ही गाँव से धूमधाम से हुई थी। शादी के मात्र 2 माह बाद विधवा हो चुकीं रामगोपाल की पत्नी को ऑपइंडिया को मिले एक वीडियो में अपने पति के शव से लिपट कर रोते देखा जा सकता है। हरिमिलन ने बताया कि पति की हत्या की बात सुन कर रामगोपाल की पत्नी बेसुध हो चुकी हैं।
लाठी न चलाती पुलिस को जिन्दा होता मेरा भाई
ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान हरिमिलन मिश्रा पोस्टमार्टम हाउस में थे। तब कड़ी सुरक्षा के बीच रामगोपाल का पोस्टमार्टम चल रहा था। अपने परिवार की हालात बेहद दयनीय बताते हुए हरिमिलन ने अपील की है कि सरकार उनकी मदद करे। साथ ही उन्होंने हमलावरों पर कठोर कार्रवाई की माँग की है। अभी तक रामगोपाल के परिजनों को कोई सरकारी मदद नहीं मिल पाई है। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर भी असंतोष जताया है।
घटना का जिक्र करते हुए हरिमिलन ने बताया कि माँ दुर्गा के जुलूस पर पहले अब्दुल हमीद के घर से पत्थर फेंके गए थे। इन पत्थरों से एक देवी प्रतिमा का हाथ टूट गया था और मूर्ति खंडित हो गई थी। जिसके बाद श्रद्धालु आक्रोशित हो उठे थे। इसी दौरान पुलिस ने हिन्दुओं पर ही लाठीचार्ज कर दिया जिस से हंगामा मच गया और लोग इधर उधर भागने लगे। आरोप है कि पत्थर बरसाने वाली मुस्लिम भीड़ ने इसी अफरातफरी का फायदा उठा कर रामगोपाल को घर में खींच लिया और बेरहमी से मार डाला।
हरिमिलन का कहना है कि अगर पुलिस हिन्दुओं पर लाठी ना चलाती तो सभी श्रद्धालु एकजुट रहते और उनका भाई जिन्दा रहता। फ़िलहाल मिश्रा परिवार को यह नहीं पता कि उनके परिवार का भविष्य कैसा होगा। उन्होंने हमलावरों के साथ गलत समय निर्णय लेने वाले पुलिस बल की भी जाँच करवा कर कार्रवाई किए जाने की माँग की है।
पहला हमला मुस्लिमों की तरफ से
जिस विसर्जन जुलूस में रामगोपाल की हत्या हुई उसी में शामिल होने का दावा करने वाले ललित से ऑपइंडिया ने बता की। ललित ने हमें बताया कि महराजगंज के जिस जगह पर हमला हुआ वो मुस्लिम बहुल इलाका है। ललित का दावा है कि अबीर और गुलाल का बहाना ले कर सड़क पर खड़े कुछ मुस्लिम युवकों ने विवाद शुरू किया। आरोप है कि इस समय तक पुलिस चुप रही जिसकी वजह से अब्दुल हमीद के घर से पत्थरबाजी भी शुरू हो गई।
ललित ने उस वीडियो के विषय में भी जानकारी दी, जो सोशल मीडिया पर रामगोपाल मिश्रा का बता कर वायरल किया जा रहा है और जिसमें वह कथित तौर पर हरा झंडा उखाड़ कर भगवा झंडा लगाते दिखते हैं। ललित ने बताया कि माता दुर्गा की प्रतिमा का हाथ टूटा देख कर श्रद्धालुओं में गुस्सा था।
यह गुस्सा पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई किए जाने के आरोप से और अधिक भड़क गया था। रामगोपाल मिश्रा का शव अब्दुल हमीद के घर के अंदर मिला था। उनको अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। कुछ अन्य श्रद्धालु भी घायल हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
ऑपइंडिया को मिले वीडियो में हिन्दू संगठनों को मृतक का शव ले कर नारेबाजी करते देखा जा सकता है। वो ‘पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। रामगोपाल के भाई हरिमिलन ने बताया कि हमले के दौरान मुस्लिम भीड़ भी नारेबाजी कर रही थी। इसी नारेबाजी के साथ मारो-मारो का शोर भी सुनाई दे रहा था।
कातिल का नेपाल कनेक्शन
ऑपइंडिया को रामगोपाल की हत्या करने वाले मुस्लिमों के विषय में और भी जानकारी मिली है। पता चला है कि इस हमले के लिए अब्दुल हमीद का घर लाँच पैड के तौर पर हुआ था। अब्दुल हमीद खुद इस घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इस हमले में उसके 2 बेटे सरफराज और फहीम भी नामजद हैं। नाम ना छापने की शर्त पर ऑपइंडिया को एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि अब्दुल हमीद का एक बेटा नेपाल में रहता है।
उसकी नेपाल में भारत विरोधी तत्वों से साठगांठ का भी दावा किया गया है। नेपाल के बाँके जिले में फुलटेकरा के पास एक मदरसे में उसका आना-जाना भी बताया जा रहा है। आरोप है कि इस मदरसे में भारत और हिन्दू विरोधी गतिविधियाँ संचालित होती हैं। कुछ लोगों ने आशंका जताई है कि रामगोपाल की हत्या के बाद अब्दुल हमीद का परिवार भारत की सीमा पार कर के नेपाल भाग गया है।
रामगोपाल की हत्या के बाद गुस्साए लोग आरोपितों का एनकाउंटर करने और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की माँग कर रहे हैं। मृतक के परिजनों को भी आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की अपील की जा रही है। पुलिस प्रशासन हालत लोगों को समझाने का प्रयास कर रहा है।