हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए समोसे और केक पुलिसवालों के खाने पर विवाद हो गया है। CM सुक्खू को समोसे कौन खा गया, इसको लेकर CID जाँच हुई है जिसमें समोसे खाने को सरकार विरोधी काम बताया गया है मामले में 5 पुलिसकर्मियों को नोटिस भी दे दिया गया है। इन पर आगे कार्रवाई भी हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में समोसा स्कैंडल का यह मामला 21 अक्टूबर, 2024 से चालू हुआ है। इस दिन CM सुक्खू को प्रदेश की CID के एक कायर्क्रम में शरीक होना था। वह इसके लिए CID मुख्यालय में पहुँचे थे। इस दौरान उनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया जाना था।
CID मुख्यालय में IG रैंक के एक पुलिस अधिकारी ने CM सुक्खू के लिए नाश्ता लाने का आदेश एक SI को दिया था। उसने यह आदेश आगे एक ASI और कॉन्स्टेबल को दे दिया। दोनों मिलकर शिमला के रेडिसन ब्लू होटल से समोसे और केक के तीन डिब्बे लेकर आ गए।
इसके बाद यह समोसे CM सुक्खू को ना दिए जाकर पुलिस वालों में बाँट दिए गए। इससे बवाल हो गया। CM समेत बाकी VVIP को समोसे से वंचित रह जाना पड़ा। इसको लेकर CID की जाँच बैठा दी गई। CID ने जाँच पूरी करके अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
CID रिपोर्ट में बताया गया है कि समोसे और केक लाए जाने के बाद उन्हें दूसरे विभाग को दे दिया गया और जिन्होंने SI की मौजूदगी में इसे बाकी पुलिसकर्मियों में बाँट दिया लेकिन CM सुक्खू के सामने पेश नहीं किया। CID रिपोर्ट में कहा गया कि पुलिस वालों को बताया गया था कि CM के खाने के मेन्यु में समोसे शामिल नहीं हैं।
इसी के बाद यह गड़बड़ी हुई। मामले में अब पाँच पुलिस कर्मियों को नोटिस थमाया गया है और उनसे 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। CID की रिपोर्ट में समोसे की गड़बड़ी को सरकार और CID विरोधी काम बताया गया है। मामले में भाजपा ने कॉन्ग्रेस सरकार पर हमला बोला है।
भाजपा प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा है कि राज्य कॉन्ग्रेस सरकार जनता की समस्याओं को छोड़ कर, समोसा किसको मिले, इसकी चिंता कर रही है। उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश की जनता परेशान है और हंसी की बात तो ये है कि सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे की चिंता है।”
रणधीर शर्मा ने आगे कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार को किसी भी विकासात्मक कार्यों की चिंता नहीं है, केवल मात्र अपने खानपान की चिंता है… समोसे गलती से मुख्यमंत्री के बजाय उनके सुरक्षा कर्मचारियों के पास पहुंच गए। जिसकी CID जांच करवाई गई। जाँच में इस गलती को ‘सरकार विरोधी’ कृत्य करार दिया गया, यह अपने आप में ही एक बड़ा शब्द है।”