खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत और पीएम मोदी पर लगाने के बाद कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार बैकफुट पर है। खुद संसद और विभिन्न मंचों से भारत पर आरोप लगाने वाले प्रधानमंत्री ट्रूडो अब कनाडा के अधिकारियों को बलि का बकरा रहे हैं। निज्जर की हत्या से पीएम मोदी को जोड़ने वाली एक फर्जी रिपोर्ट की जानकारी लीक करने के लिए अपने खुफिया अधिकारियों को ‘अपराधी’ कहा है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिना सबूत के पीएम मोदी को लेकर स्टोरी छापने के सवाल पर ट्रूडो ने कहा, “मीडिया में टॉप सीक्रेट जानकारी लीक करने वाले अपराधियों ने लगातार उन कहानियों को गलत पाया है। इसीलिए हमने विदेशी हस्तक्षेप की एक राष्ट्रीय जाँच की, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि मीडिया को जानकारी लीक करने वाले अधिकारी अपराधी होने के साथ-साथ अविश्वसनीय भी हैं।”
Reacting on Globe & Mail report on PM Modi, EAM, NSA, Canada PM Justin Trudeau terms his officials 'criminals' for leaking information to media on Indian Leadership; Terms media reports 'wrong'
— Vipul🎭 (@_lonewolf0308) November 23, 2024
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ट्रूडो का बयान कनाडा के प्रसिद्ध अखबार ‘द ग्लोब एंड मेल’ की एक रिपोर्ट को लेकर आया है। उस अखबार में भारत पर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या की साजिश केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रची थी। इसमें यह भी कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल को इस योजना की जानकारी थी।
अखबार में यह रिपोर्ट एक अनाम कनाडाई अधिकारी के हवाले से छापी गई थी। हालाँकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इसको लेकर कनाडा के पास प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इस मीडिया रिपोर्ट को विदेश मंत्रालय ने 20 नवंबर को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस तरह के बेतुके बयानों को खारिज कर देना चाहिए।
इस रिपोर्ट के बाद ट्रूडो सरकार ने एक बयान जारी करके इस रिपोर्ट का खंडन किया था। कनाडा सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का उसके पास कोई सबूत नहीं है। ट्रूडो सरकार ने कहा था कि उसने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवाल पर कभी कोई आरोप नहीं लगाया है।
प्रिवी काउंसिल के डिप्टी क्लर्क और प्रधानमंत्री ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार नथाली जी ड्रौइन ने कहा था, “सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और जारी खतरे के कारण RCMP (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) और अधिकारियों ने 14 अक्टूबर को कनाडा में भारत सरकार के एजेंटों द्वारा की गई गंभीर आपराधिक गतिविधि के सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया।”
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने आगे कहा था, “कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर या NSA डोवाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने के बारे में कभी नहीं कहा है और ना ही इससे जुड़े सबूतों की उसे जानकारी है। इसके विपरीत, कोई भी सुझाव काल्पनिक और ग़लत दोनों है।”
इस तरह जस्टिन ट्रूडो ने इस पूरी घटना को अधिकारियों की गलती बताकर दुनिया भर में हो रही अपनी किरकरी से बचने की कोशिश की है। जस्टिन ट्रूडो उन्हें बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि, शुरू से ही इस मामले में कनाडा के पास भारत के खिलाफ कोई सबूत नहीं थे। इसके बावजूद ट्रूडो खुद संसद से लेकर तमाम जगहों पर भारत को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
इस साल 14 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर अपमानजनक आरोप लगाए थे और कनाडा की धरती पर हत्याओं को अंजाम देने का दावा किया था। RCMP के हवाले से उन्होंने कनाडा में दक्षिण एशियाई समुदाय, खालिस्तान समर्थक आंदोलन से जुड़े लोगों को निशाना बनाने वाले हिंसक खतरों की एक श्रृंखला खोज निकालने का दावा किया था।
इस बयान में उन्होंने ‘भारत सरकार’ का 10 बार जिक्र किया गया था, जबकि भारत का 13 बार। पीएम ट्रूडो ने पिछले साल कनाडा की संसद में बोलते हुए भी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। इसके बाद दोनों देश के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था।