Sunday, December 22, 2024
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पत्थर वाले संविधान पर बवाल, इंसान को तालिबानी आतंकियों की तरह मारा: महाराष्ट्र के परभणी जिले में पत्थर-आगजनी, कलेक्टर ऑफिस में भी तोड़फोड़

परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर लगाई गई डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की एक प्रतिमा के पास ही पत्थर की ही संविधान की एक किताब लगाई गई थी। इसे सोपन पवार नाम के एक शख्स ने कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद इसे भीड़ ने पकड़ लिया और बुरी तरीके से पीटा।

महाराष्ट्र के परभणी जिले में पत्थर से बनाई गई संविधान की किताब को एक शख्स ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद उस शख्स को भीड़ ने बुरी तरीके से पीटा। दावा किया गया कि उसके चेहरे पर पैर रखा गया और उसकी लाठियों से सैकड़ों लोगों के सामने पिटाई हुई। मामला यहीं नहीं रुका बल्कि भीड़ ने परभणी के बाजार में दुकानों और गाड़ियों पर हमला किया और पत्थर बरसाए। महिलाओं की एक भीड़ कलेक्टर ऑफिस में घुसी और यहाँ भी पत्थर चलाए। कुछ महिलाओं ने कलेक्टर के सामने ही हंगामा काट दिया। हिंसा के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है।

यह पूरा बवाल मंगलवार (10 दिसम्बर, 2024) को चालू हुआ। यहाँ परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर लगाई गई डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की एक प्रतिमा के पास ही पत्थर की ही संविधान की एक किताब लगाई गई थी। इसे सोपन पवार नाम के एक शख्स ने कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद इसे भीड़ ने पकड़ लिया और बुरी तरीके से पीटा। इसी घटना का कथित वीडियो वायरल है। इसमें दिखता है कि एक शख्स जमीन पर पडा है और उसके चेहरे पर एक शख्स ने पैर रखा हुआ है। इसके बाद एक और शख्स उसे लाठियों से पीटता है।

संविधान की प्रतिकृति पर हमला के आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि, उसकी गिरफ्तारी के बाद भी परभणी में हिंसा हुई। मंगलवार और बुधवार दोनों दिन अम्बेडकरवादी कार्यकर्ताओं ने रैलियाँ निकाली। बुधवार (11 दिसम्बर, 2012) को परभणी में सड़क पर आई भीड़ ने आगजनी की। उन्होंने सड़क पर टायर जलाए। कुछ दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई। यहाँ कड़ी गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया है। कुछ लोग नीले झंडे और लाठी-डंडे हाथ में लिए नजर आए। इस प्रदर्शन में कुछ हरे झंडे और टोपी वाले लोग भी दिखे।

विरोध प्रदर्शन करने वाली कुछ महिलाएँ इस दौरान परभणी के कलेक्टर ऑफिस में घुस गईं। कलेक्टर के ऑफिस में तोड़फोड़ की गई और उनके सामने भी हंगामा किया गया। कुछ महिलाएँ यहाँ कार्रवाई की माँग को लेकर काफी उत्तेजित हो गईं। इसके बाद उन्हें बाहर ले जाया गया।

इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। मामले में पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। कहीं-कहीं पुलिस को एक्शन भी लेना पड़ा है। मामले में दलित नेताओं ने कार्रवाई की माँग की है। पुलिस ने अभी तक 40 लोगों को इस हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले में बयान दिया है। मायावती ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “महाराष्ट्र राज्य के परभणी में स्थित भारतरत्न बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा एवं संविधान का किया गया अपमान अति-निन्दनीय व शर्मनाक। इस घटना से पार्टी काफी दुःखी व चिन्तित भी है। वहाँ की राज्य सरकार, ऐसे जातिवादी व असामाजिक तत्वों के विरुद्ध तुरन्त सख़्त क़ानूनी कार्रवाई करे, वरना वहाँ हालात् काफी बिगड़ सकते हैं। सभी से शान्ति-व्यवस्था बनाये रखने की अपील।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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