Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजमुंबई की मर्दानी: टॉंगों के बीच हाथ डाल कर भाग रहे जावेद को चलती...

मुंबई की मर्दानी: टॉंगों के बीच हाथ डाल कर भाग रहे जावेद को चलती ट्रेन में चढ़ दबोचा

"मैं लोगों से मदद माँगती रही, लेकिन कोई आगे नहीं आया। मैं अगले स्टेशन (बांद्रा) में उतर नहीं पाई, क्योंकि प्लेटफॉर्म पर पुलिस नहीं थी। अंधेरी रेलवे पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मी FIR दर्ज करना नहीं चाहते थे। क़ानूनी अड़चनें का हवाला देते हुए कहा कि मुझे काफ़ी दिक्कतें झेलनी पड़ेगी।"

हैदराबाद में रेप के बाद डॉक्टर को जला देने की घटना के बाद से देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन, मुंबई में छेड़खानी करने वाले एक युवक को पकड़ने में किसी ने पीड़िता की मदद नहीं की। जान जोखिम में डाल महिला ने जब युवक को दबोच लिया तो पुलिस मामला दर्ज करने से आनाकानी करने लगी।

मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की सुबह 11 बजे के करीब दादर रेलवे स्टेशन पर एक युवक ने 24 वर्षीय महिला वकील के साथ छेड़खानी की। उसे पकड़ने के लिए महिला चलती ट्रेन में चढ़ गई। मनचले को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पीड़ित महिला वकील के अनुसार इस दौरान किसी ने उनकी मदद नहीं की। यहॉं तक कि कानूनी औपचारिकताओं का हवाला देकर पुलिस भी शिकायत दर्ज कराने को लेकर उन्हें चेताती रही।

आरोपित युवक की पहचान 32 वर्षीय जावेद जान शाह के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, वह नवी मुंबई के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। पीड़ित महिला ने बताया, “शनिवार को करीब 11 बजे मैं दादर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर खड़ी ट्रेन के फर्स्ट क्लास लेडीज कंपार्टमेंट की ओर जा रही थी। इसी दौरान किसी ने पीछे से मेरी टॉंगों के बीच अपना हाथ रख दिया। मैंने तुरंत अपनी कोहनी से उसे मारा और फिर देखा कि वो भाग रहा था। मैंने उसका कॉलर पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह दूसरी ट्रेन में चढ़ने में कामयाब रहा जो वहाँ से जाने वाली था।”

महिला भी उसका पीछा करते हुए उसी ट्रेन में सवार हो गई। उन्होंने बताया कि मैं उसे जाने नहीं देना चाहती थी। मुझे पता था कि उसने यह हरकत जान बूझकर की थी। महिला के मुताबिक जब उन्होंने युवक का कॉलर पकड़ने की कोशिश की तो एक व्यक्ति उससे सहानुभूति दिखाने लगा। मैंने उस व्यक्ति से कहा कि अगर वो मेरी मदद नहीं कर सकता तो अपना मुँह बंद रखें। इसके बाद वह आदमी मेरे पैर छूकर माफी माँगने लगा।

आगे महिला वकील ने बताया, “मैं लोगों से मदद माँगती रही, लेकिन कोई आगे नहीं आया। मैं अगले स्टेशन (बांद्रा) में उतर नहीं पाई, क्योंकि प्लेटफॉर्म पर कोई पुलिस नहीं थी। अंधेरी पहुँचने पर, डिब्बे के दरवाज़े पर खड़े एक व्यक्ति ने कुछ अधिकारियों को देखा और मदद के लिए बुलाया। उनमें से एक महिला कॉन्स्टेबल थी, जिसने मुझसे बात की और मेरी काफी मदद की। लेकिन, अंधेरी रेलवे पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मी FIR दर्ज करना नहीं चाहते थे। क़ानूनी अड़चनें का हवाला देते हुए कहा कि मुझे काफ़ी दिक्कतें झेलनी पड़ेगी।”

महिला वकील ने जब यह बताया कि वो एक वकील हैं तब पुलिस ने उनका मामला दर्ज किया। बाद में, मेरे परिवार के कुछ लोग थाने आए और आरोपित के व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स को उसके फोन पर चेक किया, जिसके माध्यम से हमें पता चला कि वह एक मेडिकल छात्र है और एक अच्छे परिवार से है। लेकिन, उसके व्हाट्सएप चैट में कुछ अश्लील मैसेज भी दिखे जो उसने महिलाओं को परेशान करने करने के लिए उन्हें भेजे थे। उन्होंने कहा, “तभी मुझे एहसास हुआ कि मैंने उसे सज़ा दिलाने के लिए सही क़दम उठाया है।” यह मामला पहले अंधेरी रेलवे पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और बाद में इसे मुंबई सेंट्रल गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) में ट्रांसफर कर दिया गया।

पुलिस की गिरफ़्त में 32 वर्षीय जावेद जान शाह (तस्वीर साभार: मिड-डे)

मुंबई सेंट्रल जीआरपी के वरिष्ठ पीआई शैलेंद्र धीवर ने बताया, “आरोपित को आईपीसी की धारा 354 (ए) के तहत गिरफ़्तार किया गया है। बांद्रा हॉलिडे कोर्ट में पेश किए जाने के बाद, उसे 14 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हमने पीड़ित का विस्तृत बयान दर्ज किया है। आगे की जाँच जारी है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गृहयुद्ध छेड़ना चाहते हैं राहुल गाँधी’: कॉन्ग्रेस नेता को 7 जनवरी को बरेली की कोर्ट में हाजिर होने का आदेश, सरकार बनने पर जाति...

राहुल गाँधी ने अपनी पार्टी का प्रचार करते हुए कहा था कि यदि कॉन्ग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है, तो वह वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण करेगी।

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी
- विज्ञापन -