मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) ने मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता याकूब कुरैशी के बूचड़खाने को सील कर दिया है। फ़रवरी के पहले सप्ताह में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बूचड़खाने के संबंध में कार्रवाई पर रोक लगाने वाले आदेश को MDA ने रद्द कर दिया है।
अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड (Al Faheem Meatex Pvt Ltd meat factory) नाम के इस मीट फैक्ट्री को बनाने से पहले संबंधित सरकारी अधिकारियों से नक्शे को मंजूरी नहीं मिली थी। जिस जमीन पर बूचड़खाने का निर्माण किया गया है, उसके कुछ हिस्से नन-कंपाउंडेबल क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
इससे पहले स्थानीय प्रशासन ने एमडीए द्वारा बूचड़खाने को सील करने पर रोक लगा दी थी। हालाँकि, फैक्ट्री को सील करने से पहले MDA ने संचालक को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था, लेकिन जब संचालक अपना पक्ष नहीं दे सका, तो MDA की तरफ से स्टे आर्डर रद्द कर दिया गया।
बता दें कि बूचड़खाने के मालिक कुरैशी को बसपा ने मेरठ-हापुड़ सीट के लिए के लोकसभा प्रभारी के रूप नियुक्त किया है। पिछले दिनों कुरैशी ने उच्च न्यायालय से सीलिंग पर रोक लगाने की माँग की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने कुरैशी की माँग को ठुकरा दिया था।
पिछले मंगलवार को MDA के अधिकारी पुलिस के साथ बूचड़खाने वाली जगह पर पहुँचे। इसके बाद बूचड़खाने को अधिकारियों ने सील कर दिया। यही नहीं किसी भी इस क्षेत्र में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस की तरफ से काफ़ी सतर्कता बरती गई थी।
हालाँकि, कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अधिकारियों ने अवैध क्षेत्र को सील करने में केवल औपचारिकता की थी क्योंकि बूचड़खाने का केवल एक छोटा सा हिस्सा सील किया गया था। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि MDA टीम को शुरू में परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी और बाद में बहुत संघर्ष के बाद बूचड़खाने के अंदर जाने की अनुमति दी गई।
जानकारी के लिए बता दें कि कुरैशी पहली बार 2006 में खबरों में तब आए थे, जब उन्होंने डेनमार्क के एक कार्टूनिस्ट के सिर लाने वाले को 51 लाख रुपए देने की बात कही। कुरैशी ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह कार्टूनिस्ट इस्लाम विरोधी कार्टून बनाता था। यही नहीं कुरैशी यूपी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। इन्हें तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार में ‘मुस्लिम मामलों’ का मंत्री बनाया गया था। उन्होंने बाद में बसपा को ज्वाइन कर लिया।