बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी और हाईप्रोफाइल बाबा नित्यानंद के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने गुजरात पुलिस के अनुरोध के बाद ब्लू नोटिस जारी किया है। हालाँकि, आरोप के बाद देश छोड़कर भागे नित्यानंद का अभी तक ऐजेंसियाँ सुराग नहीं लगा सकी हैं। नित्यानंद अलग देश ‘कैलासा’ बनाने वाली खबरों के बाद देशभर में चर्चा में आया था।
एएनआई द्वारा किए गए ट्वीट के मुताबिक ब्लू नोटिस ऐसे व्यक्ति को खोजने के लिए जारी किया जाता है जो लापता या अज्ञात अपराधी है या फिर सामान्य आपराधिक कानून उल्लंघन के लिए वॉन्टेड है। नित्यानंद के ख़िलाफ जारी किए गए नोटिस का अनुरोध स्वयं गुजरात पुलिस ने किया था।
Interpol has issued ‘blue notice’ against Nityananda on the request of Gujarat Police. A blue notice is issued to locate a person who is missing or is an identified or unidentified criminal or is wanted for a violation of ordinary criminal law.. pic.twitter.com/FhbYuA1azY
— ANI (@ANI) January 22, 2020
आपकों बता दें कि नित्यानंद के खिलाफ 22 नवंबर को दो बच्चियों के अपहरण का मामला दर्ज करने वाली गुजरात पुलिस ने माना था कि नित्यानंद देश छोड़ कर भाग चुका है। उस पर कर्नाटक में भी अपनी शिष्याओं से दुष्कर्म का मामला दर्ज है। नित्यानंद का पासपोर्ट 2018 में ही रद्द हो चुका है। एजेंसियों को शक है कि वह नेपाल के रास्ते बिना पासपोर्ट भाग गया।
देश छोड़कर भागे हाईप्रोफाइल नित्यानंद का अभी तक एजेंसियाँ सुराग नहीं लगा सकी हैं। इतना ही नहीं देश छोड़ने की भनक नित्यानंद ने गुजरात पुलिस को भी नहीं लगने दी। वहीं इसके बाद नित्यानंद ने एक वीडियो जारी करके एजेंसियों को चेतावनी भी दी थी, जिसमें उसने कहा था कि कोई भी अदालत उसे सजा देकर सच बोलने से नहीं रोक सकती। नित्यानंद के मुताबिक वह भगवान शिव का परम रूप है और इस सच को दुनिया को बताना चाहता है। इसके बाद से ही विदेश मंत्रालय ने सभी देशों में भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों को अलर्ट कर रखा है।
कुछ दिनों पहले ऐसी रिपोर्टें आईं कि फरार नित्यानंद ने साउथ अमेरिका के देश इक्वाडोर से एक द्वीप खरीदा है और उसे अपना देश घोषित करते हुए उसका नाम ‘कैलासा’ रखा। नित्यानंद ने जो कैलासा देश बनाया है, उसकी एक वेबसाइट भी है Kailaasa.org। इसके बारे में वेबसाइट पर लिखा है कि कैलाशा एक ऐसा देश है, जिसे बिना किसी सीमाओं के हिंदुओं के लिए बनाया गया है। ये उनके लिए है जो अपने देश में हिंदू होने का अधिकार खो चुके हैं’। हालाँकि, सरकार ने इक्वाडोर में नित्यानंद के अलग देश बनाने के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था।