दिल्ली चुनावों से पहले सीएए विरोध के नाम पर शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारी अब बीच रोड पर लगे टेंट में दिखाई नहीं दे रहे। खाली पड़े टेंट को देखकर ऐसा लग रहा है मानो प्रदर्शनकारी संविधान को भूलकर केजरीवाल का गुणगान करने में लगे हुए हैं, जोकि एक तरह से शाहीन बाग की ख़िलाफत के बराबर है।
आज मतगणना के दिन शाहीन बाग में सन्नाटा है, जहाँ सुबह से ही प्रदर्शनकारी जुटने लगते थे, वहीं मंगलवार को शाहीन बाग पूरी तरह खाली नज़र आया, दोपहर के समय में मात्र इक्का-दुक्का लोग दिखाई दिए। क्या शाहीन बाग दिल्ली विधान सभा चुनाव स्टंट का एक हिस्सा था? अब जब उन्हें कोई हटा नहीं रहा है तो वे खुद ही शाहीन बाग छोड़ के क्यों चले गए हैं?
दरअसल शाहीन बाग इलाका ओखला विधानसभा क्षेत्र में आता है। यही कारण रहा कि वोटिंग वाले दिन मतदान स्थल पर वोटरों की खासी भीड़ नज़र आई। भीड़ भी इस कदर कि करीब पाँच सौ मीटर लंबी वोटरों की लाइन लग गई। हालाँकि, क्षेत्र से आप उम्मीदवार अमानतुल्ला ख़ान के जीतने पर लोगों में खुशी भी देखी जा रही है।
पिछले करीब दो महीनों से दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ धरना चल रहा है, जिसमें लगातार पहुँच रही प्रदर्शनकारियों की भीड़ दिल्ली चुनावों से पहले संविधान को बचाने की दुहाई दे रही थी। इतना ही नहीं यह प्रदर्शनकारी दिन रात बीच रोड पर लगे टेंट में डटे हुए थे, लेकिन जैसे ही दिल्ली विधानसभा चुनावों के वोट पड़े वैसे ही प्रदर्शनकारी शाहीन बाग से गायब होने लगे। वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों के बीच यह अफवाह फैली हुई है कि दिल्ली में सरकार बनते ही शाहीन बाग को जबरन खाली करा दिया जाएगा।
I hope today Amit Shah and BJP will feel the current from Shaheen Bagh #DelhiResults
— Naveed A J (@urstrulyNaveed) February 11, 2020
#मोदी_हारा_शाहीनबाग_जीता@IndiasMuslims pic.twitter.com/kkBZ4A5Msu
आपको बता दें कि शाहीन बाग में करीब दो महीने से सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ लोगों का धरना प्रदर्शन चल रहा है। वहीं शाहीन बाग रोड बंद होने के कारण आम लोगों को भारी जाम से जूझना पड़ रहा है। गौरतलब है कि पिछले दिनों शाहीन बाग धरने के ख़िलाफ आम लोगों ने मार्च निकाला था, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि जहाँ जाना है वहाँ जाएँ, लेकिन रोड को खाली करें।