Sunday, September 8, 2024
Homeविचारराजनैतिक मुद्देकपिल शर्मा जी, सही बात है, आतंक बड़ा मुद्दा नहीं, बड़ा मुद्दा घटिया चुटकुलों...

कपिल शर्मा जी, सही बात है, आतंक बड़ा मुद्दा नहीं, बड़ा मुद्दा घटिया चुटकुलों पर लोगों का ना हँसना है

सोनी चैनल ने सिद्धू को निकाल बाहर किया लेकिन शो चलाने वाले कपिल ने ही सारे किए-कराए पर पानी फेर दिया। जैसा कि वह बताते रहे हैं, उन्हें शराब की लत है। हो सकता है बाद में उनका बयान आए कि ऐसा उन्होंने नशे में कहा था। सेलिब्रिटी हैं, सब चलता है।

‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ और ‘दी कपिल शर्मा शो’ जैसे कॉमेडी प्रोग्राम से दर्शकों को हँसाने वाले कपिल शर्मा ने शायद आतंकवादी हमलों को भी कॉमेडी सर्कस समझना शुरू कर दिया है। तभी तो शायद उन्हें नवजोत सिंह सिद्धू के बयान में कोई दोष नहीं दिख रहा और वह जनभावनाओं का मज़ाक उड़ाने व्यस्त हैं। कपिल शर्मा के बयान से पहले सिद्धू के बयान को समझना ज़रूरी है। सिद्धू ने पुलवामा हमले पर बोलते हुए कहा था:

“आतंकवाद का कोई देश नहीं होता। आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता। पुलवामा हमला एक कायरतापूर्ण कार्रवाई है। मैं इस घटना की निंदा करता हूँ। जो भी लोग इस आतंकी हमले के लिए ज़िम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। क्या इससे ज्यादा कुछ बोलना ज़रूरी है?”

सिद्धू के इस बयान के बाद लोगों ने उनका विरोध किया लेकिन उन्होंने माफ़ी माँगने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, सिद्धू ने अपने बयान का बचाव भी किया। पंजाब विधानसभा से लेकर ट्विटर तक- हर जगह सिद्धू के इस बयान की कड़ी निंदा हुई। जनता ने कैप्टेन अमरिंदर सिंह से नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब मंत्रिमंडल से बरख़ास्त करने की भी माँग की। ताज़ा ख़बरों के अनुसार, शुरूआती जाँच में भी इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ सामने आ रहा है। ऐसे में, वास्तविकता की दुनिया से कोसो दूर कपिल शर्मा ने सिद्धू का बचाव करते हुए कहा:

“मुझे लगता है कि ठोस चीजें होनी चाहिए। ये छोटी-छोटी चीजें होती हैं, उसको बैन कर दो, सिद्धूजी को शो से निकाल दो। अगर सिद्धूजी को शो से निकालने से इस समस्या का हल हो जाता है तो सिद्धूजी ख़ुद इतने समझदार हैं कि वे शो से चले जाएँगे। हैशटैग चलाकर लोगों को गुमराह किया जाता है। मुझे लगता है मुद्दे की बात करनी चाहिए और जेनुइन प्रॉब्लम पर फोकस करना चाहिए। इधर-उधर भटकाकर आप लोग यूथ का ध्यान डाइवर्ट कर रहे हो ताकि हम असली मुद्दे से हट जाएँ।”

कपिल शर्मा के इस बयान ने जले पर नमक छिड़कने का कार्य किया और सोनी चैनल का विरोध कर रहे लोगों ने कपिल शर्मा का बायकॉट किया। ट्विटर पर कपिल शर्मा का बायकॉट किया गया। लेकिन, नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन करने वाले कपिल शर्मा को परिस्थितियों को समझने की ज़रूरत है। हम यहाँ उन्हें समझा कर उनका ज्ञानवर्द्धन करने का प्रयास करेंगे।

आतंकवाद जेन्युइन समस्या नहीं है क्या?

कपिल शर्मा के अनुसार, जनता की समस्या असली नहीं है, वास्तविक नहीं है। कपिल शर्मा से पूछा जाना चाहिए कि वास्तविक समस्या क्या है? ऐसे समय में, जब पूरा देश पाकिस्तान की एक सुर में निंदा कर रहा है और पुलवामा आतंकी हमले के पीछे उसकी साज़िश साफ़-साफ़ नज़र आ रही है, क्या पाक का बचाव कर अपने देश को नीचे दिखाना सही है? सिद्धू ने यही किया है। अब जनता जागरुक है, वो सिद्धू का विरोध कर रही है तो कपिल शर्मा को लगता है कि यह असली समस्या नहीं है। कपिल शर्मा को पुलवामा हमले को गम्भीरतापूर्वक समझना चाहिए। वह कॉमेडी सर्कस नहीं है। उस हमले ने 40 परिवारों से उनके बेटे छीन लिए।

कपिल शर्मा को अपने शो के प्रोड्यूसर सलमान ख़ान से पूछना चाहिए कि उन्होंने अपनी फ़िल्म ‘भारत’ से पाकिस्तानी गायक आतिफ़ असलम का गाना क्यों हटाया? सलमान ख़ान भी विवादित बयान देते रहे हैं लेकिन जनाक्रोश के बाद उन्होंने माफ़ी भी माँगी है। शायद यही कारण है कि वह 30 वर्षों से इंडस्ट्री में जमे हुए हैं। और हाँ, यही कारण है कि क्षणिक सफलता का ख़ुमार कपिल शर्मा पर ऐसा चढ़ा कि उनका शो बंद हुआ और अब उन्हें टीआरपी मिलनी बंद हो गई है।

वास्तविक समस्या आतंकवाद है। वास्तविक समस्या भारत में आतंकवाद फैलाने वाला पाकिस्तान है। वास्तविक समस्या भारत में बैठ कर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले सिद्धू जैसे लोग हैं। वास्तविक समस्या सिद्धू जैसे लोगों का बचाव करने वाले कपिल शर्मा हैं। सिद्धू को हटाने को कपिल शर्मा भले ही छोटी-मोटी बात बतातें हों लेकिन जिस चीज से जनभावना जुड़ जाती है, वह छोटी नहीं रह जाती। जनाक्रोश ने आपातकाल लगाने वाली इंदिरा गाँधी तक को सत्ता के सिंहासन से उठा कर बाहर फेंक दिया था।

जनता की मदद से अपना व्यापार चलाने वाले सेलिब्रिटी गैंग को यह सीखना पड़ेगा की जनभावनाओं की क़द्र कैसे की जानी चाहिए? कपिल शर्मा पर एक पत्रकार को कॉल कर के भर-भर कर गालियाँ देने का आरोप है। अपने स्टारडम के आवेश में आकर उन्होंने अपने शो के स्तम्भ सुनील ग्रोवर तक से बदतमीजी की। मराठी फ़िल्म फेस्टिवल में अभिनेत्री दीपाली सैयद ने उन पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। उन पर मोनाली ठाकुर और तनीषा मुखर्जी से भी दुर्व्यवहार के आरोप हैं। अपने शो में गर्भवती महिला को लेकर मज़ाक बनाने वाले कपिल शर्मा पर इस मामले में केस तक दर्ज हो चुके हैं।

आज कपिल शर्मा कैसी विश्वसनीयता लेकर सिद्धू का बचाव करने निकले हैं? क्या नवजोत सिंह सिद्धू उनके मेंटॉर हैं, इसीलिए? पंजाब के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से उनका व्यक्तिगत रिश्ता है- यह समझ में आता है, लेकिन क्या देश के लिए वीरगति को प्राप्त हुए 40 जवानों के लिए उनके मन में कोई सम्मान है भी या नहीं?

कौन ध्यान भटका रहा कपिल शर्मा का?

कपिल शर्मा का कहना है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। कौन भटका रहा है? क्या वह आम जनता पर आरोप लगा रहे हैं? क्या जनता के दिए स्टारडम पर गर्व करने वाले कपिल शर्मा के लिए आज वही जनता ध्यान भटकने वाली बन गई है? कपिल को आँखें खोल कर देखना चाहिए कि यह भारत की आम जनता है, जो आक्रोशित है, जो बदला चाहती है, जो बलिदानियों के ख़ून का हिसाब लेना चाहती है। प्रधानमंत्री भी अपने भाषण की शुरुआत जनता को समझाते हुए करते हैं कि उनके रोष को बाकी नहीं जाने दिया जाएगा।

लेकिन कपिल देश के एक नागरिक का धर्म निभाने की बजाय आग में घी डाल रहे हैं। जनता गुस्से में है, आपके मार्गदर्शक सिद्धू ने जिस देश का बचाव किया है, जनता उसी देश को सबक सिखाना चाहती है। जनता को समझाने की ज़रूरत है लेकिन कपिल जैसे लोग भड़काने में लगे हैं। आग में घी डालने की सज़ा पब्लिक ही उन्हें देगी। सोनी चैनल ने सिद्धू को निकाल बाहर किया लेकिन शो चलाने वाले कपिल ने ही सारे किए-कराए पर पानी फेर दिया। जैसा कि वह बताते रहे हैं, उन्हें शराब की लत है। हो सकता है बाद में उनका बयान आए कि ऐसा उन्होंने नशे में कहा था। सेलिब्रिटी हैं, सब चलता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -