भारत द्वारा कड़ा रुख अपनाने के बाद पाकिस्तानी सेना में हलचल तेज हो गई है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा जवाबी कार्रवाई की आशंका से डरे पाकिस्तान ने अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया मसूद अज़हर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से भारत के दबाव के सामने न झुकने को कहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक ख़बर के अनुसार, बलूचिस्तान स्थित पाकिस्तानी सेना का दफ़्तर और पाक अधिकृत कश्मीर प्रशासन- इन दोनों के दस्तावेज़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान ने युद्ध के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी है।
भारत की सख्ती से घबराए पाकिस्तान ने युद्ध की आशंका की वजह से अपने अस्पतालों को चिट्ठी लिखकर सैनिकों के लिए 25 प्रतिशत बेड खाली रखने को कहा. https://t.co/tixzhdbMkO pic.twitter.com/I2sNBaveeQ
— News18 India (@News18India) 22 February 2019
क्वेटा स्थित पाकिस्तानी फ़ौज के हेडक्वार्टर क्वेटा लॉजिस्टिक्स एरिया (HQLA) कैंटोनमेंट ने जिलानी अस्पताल को पत्र लिख कर कहा है कि भारत से संभावित युद्ध के मद्देनज़र मेडिकल सपोर्ट की व्यवस्था और योजना तैयार करें। अस्पताल को लिखे पत्र में कहा गया है:
“पूर्वी मोर्चे पर आपातकाल की परिस्थिति में क्वेटा लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सिंध और पंजाब के नागरिक और सैन्य अस्पतालों से घायल सैनिकों के आने की उम्मीद है। शुरुआती मेडिकल इलाज के बाद योजना है कि इन सैनिकों को सैन्य और नागरिक सार्वजनिक क्षेत्र से बलूचिस्तान के नागरिक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जब तक कि सीएमएच (सिविल मिलिट्री हॉस्पिटल) में बेड की उपलब्धता नहीं होती है।”
इतना ही नहीं, पत्र में सभी सैन्य व सिविल अस्पतालों में मेडिकल सपोर्ट के लिए विस्तृत योजना बनाने की बात भी कही गई है। सैन्य अस्पताल में बिस्तरों के विस्तार एवं अन्य चिकित्सा व्यवस्था के लिए व्यापक योजना की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा सिविल अस्पतालों को भी ज़रूरत पड़ने पर घायल जवानों के लिए 25% सीटें आरक्षित रखने को कहा गया है।
गुरुवार को कश्मीर की कथित सरकार ने नीलम, झेलम, रावलकोट, हवेली, कोटली और भिमभेर क्षेत्र और नियंत्रण रेखा के पास स्थित क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन को नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा है क्योंकि भारतीय सेना बदले की कार्रवाई कर सकती है।
भारत द्वारा एक-एक कर कड़े क़दम उठाते हुए पाकिस्तान को घेरा जा रहा है। पहले पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन‘ का दर्जा वापस ले लिया और अब सरकार ने रावी, ब्यास और सतलुज के पानी को पाकिस्तानी को देने की बजाय उस से यमुना को सींचने की योजना बनाई है। पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहा है।