इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन नामक मेडिकल ड्रग देने का प्रस्ताव दिया है। जिस मामले में स्थिति ज्यादा ख़राब हो, वहाँ इसका प्रयोग किया जा सकता है। एनटीएफ ने कहा है कि ‘हाई रिस्क’ वाले मामलों में इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हालाँकि, ध्यान देने वाली बात ये है कि बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को लेने से मना किया गया है।
इस दवा का इस्तेमाल अब तक मलेरिया से निपटने के लिए किया जाता रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी दावा किया था कि कोरोना वायरस से निपटने में इसका प्रयोग गेमचेंजर साबित हो सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इस पत्र के माध्यम से माँग की गई थी कि कोरोना के मरीजों के इलाज में इस दवा के प्रयोग की मंजूरी दी जाए।
अमेरिका में भी जब कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिए इस दवा का परीक्षण किया गया तो इसके कुछ अच्छे परिणाम सामने आए थे। ख़ुद डोनाल्ड ट्रम्प ने मीडिया से बात करते हुए इसकी जानकारी दी थी। रिसर्च में सुखद परिणाम मिलने के बाद वहाँ के प्रशासन ने इसके इस्तेमाल को मंजूरी दे दी।
The National Task Force COVID19 constituted by ICMR recommends the use of hydroxy-chloroquine for prophylaxis of COVID19 for high-risk cases pic.twitter.com/mhxI55VDc5
— ANI (@ANI) March 23, 2020
दुनिया भर में अब तक कोरोना वायरस के 3.5 लाख से भी अधिक केस सामने आए हैं और 15300 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी है। भारत में अब तक इसके 400 से भी अधिक मामले सामने आए लोगों की मौत हुई है। अभी तक इसके इलाज के लिए कोई वैक्सीन नहीं खोजा जा सका है। दुनिया भर के वैज्ञानिक और मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञ इस काम में लगे हुए हैं।