Thursday, October 31, 2024
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फैक्ट चेक: क्या तबलीगी मरकज की नौटंकी के बाद चुपके से बंद हुआ तिरुमला तिरुपति मंदिर?

सोशल मीडिया पर लॉकडाउन के दौरान अफवाह और फर्जी खबर फैलाने को लेकर पुलिस और प्रशासन काफी सख्त है। @attomeybharti ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए लिखा है कि क्या दिल्ली पुलिस इसे फर्जी खबर फैलाने के लिए गिरफ्तार करेगी? इसके साथ ही न्यूज़ 24 को टैग करते हुए लिखा है कि क्या गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए चैनल इसे निकालेगा?

निजामुद्दीन स्थित मरकज में मार्च के माह हुए तबलीगी जमात के आयोजन से कोरोना वायरस के संक्रमण का जो खतरा अब देशभर में मंडरा रहा है, उसने कई लेफ्ट-लिबरल ‘विचारकों’ को अपने हिस्से का काम थमा दिया है। यह संभव ही नहीं है कि एक मजहब की कारस्तानी के उजागर होते ही मीडिया का एक ख़ास वर्ग समाज के एक ख़ास वर्ग के पक्ष में ‘तथ्य’ जुटाने का प्रयास ना करे। ऐसा ही एक नया प्रयास निजामुद्दीन स्थित मरकज में आयोजित जलसे के बाद देखने को मिल रहा है।

क्या है मामला

मरकज बंद करने के फ़ौरन बाद सोशल मीडिया पर एक खबर यह कहकर फैलाई गई कि आंध्रप्रदेश में स्थित तिरुमाला के भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर को तबलीगी जमात मामला के जलसे के सामने आने के बाद बंद किया गया है। यह खबर फैलाने वालों में सबसे प्रमुख नाम है साक्षी जोशी का। साक्षी जोशी के ट्विटर अकाउंट पर उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि वो डॉग लवर होने के साथ ही बीबीसी में भी काम कर चुकी हैं और वर्तमान में न्यूज़ 24 टीवी चैनल में एंकर हैं।

साक्षी जोशी ने इण्डिया टुडे की एक लिंक साझा करते हुए अपने ट्वीट में लिखा है- “चलो इन्होंने भी एहसान कर दिया आखिरकार मंदिर बंद करके। देखा होगा #TablighiJamaat टारगेट पर है। हम चुपके से बंद करके निकल लेते हैं। किसी को पता नहीं चलेगा। लेकिन पूजा अब भी नहीं रुकेगी। एकांत में चलती रहेगी। क्यों?”

क्या है सच्चाई

दरअसल, साक्षी जोशी ने इण्डिया टुडे की जिस लिंक को शेयर किया है, उसमे बताया गया है कि तिरुमला तिरुपति मंदिर में 128 वर्ष में पहली बार श्रद्धालुओं के आगमन पर प्रतिबन्ध लगा है। जबकि जिस मंदिर के तबलीगी जमात मामले के बाद बंद होने का दावा पूर्व बीबीसी कर्मी ने किया है, वह 19 मार्च को ही बंद कर दिया गया था। यही नहीं, 11 मार्च से ही इसमें विदेशी नागरिकों और प्रवासी भारतीयों को परामर्श जारी करते हुए कह दिया गया था कि वे भारत पहुँचने के 28 दिनों तक मंदिर में नहीं आएँगे। इसके साथ ही, 19 मार्च को ही यह घोषणा कर दी गई थी कि मंदिर में पूजा एवं अनुष्ठानों को 31 मार्च तक के लिए रद्द कर दिया जाएगा।

सोशल मीडिया पर लॉकडाउन के दौरान अफवाह और फर्जी खबर फैलाने को लेकर पुलिस और प्रशासन काफी सख्त है। @attomeybharti ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए लिखा है कि क्या दिल्ली पुलिस इसे फर्जी खबर फैलाने के लिए गिरफ्तार करेगी? इसके साथ ही न्यूज़ 24 को टैग करते हुए लिखा है कि क्या गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए चैनल इसे निकालेगा?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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