कोरोना के कारण पूरे देश में इस समय लॉकडाउन है। कई राज्यों में और कई इलाकों में स्थिति को देखते हुए धारा 144 लगी है। इस बीच ग्वालियर से खबर आई है कि वहाँ मरकज़ से लौटे 17 लोगों की शिनाख्त हुई है। इनमें से 6 जमाती तो जंगल के अंदर एक दावलपीर नामक दरगाह में छिपकर मुर्गा पार्टी कर रहे थे। जिसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इन्हें 144 का उल्लंघन करने पर पकड़ लिया। बाद में इन्हें एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भेजा गया। वहाँ इन छह के साथ 11 अन्य जमातियों के भी सैंपल लिए गए। ये सभी 18 मार्च को ग्वालियर आए थे।
रविवार की दोपहर दरगाह में बैठकर मुर्गा खाने वाले आरोपितों की पहचान सैय्यद रियाजुद्दीन जाफरिन, नबाव, सकील, नईम, निखिल और इसाव के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, इनकी सूचना मिलते ही एसडीओपी गीता भारद्वाज, टीआई राजू रजक, नायब तहसीलदार मोहिनी साहू और डॉ. हेमंत मंडेलिया एंबुलेंस को लेकर मौक़ास्थल पर पहुँचे। वहाँ डॉ. मंडेलिया ने बारी-बारी से सभी छह लोगों के नाम लिखे फिर एंबुलेंस से सीधे अस्पताल ले जाकर कोरोना सैंपल लिए। फिर इन सभी को होम क्वारंटाइन कर दिया गया।
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ देश के अलग-अलग राज्यों से जमातियों द्वारा की जा रही बदसलूकी की खबरों ने सबके मन में इनके प्रति सवाल खड़ा कर दिया है। वही ये लोग स्थिति बिगड़ने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहे। मरकज़ मामला गर्माने के बावजूद दरगाह में बैठकर पार्टी करना इनकी लापरवाही पर सवाल उठाता है और पुलिस को पर्याप्त अधिकार देता है कि वे इनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करें।
बता दें कि इस बीच ग्वालियर से एक दूसरी खबर भी आई है। जहाँ कुछ लोग लॉकडाउन के बीच इकट्ठा होकर बर्थडे पार्टी कर रहे थे। मगर जब तहसीलदार कुलदीप दुबे को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और फिर उन्हें समझाने लगे। लेकिन जन्मदिन मना रहे एकत्रित लोगों ने इसका विरोध कर दिया और फिर दोनों पक्षों में विवाद हो गया।
घर में एकत्रित लोगों ने उनपर पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में तहसीलदार कुलदीप दुबे सहित उनके साथ गए अन्य कर्मचारी घायल हो गए। घटना की खबर मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुँच गया और इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इस घटना में 5 लोगों को नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है।