Sunday, December 22, 2024
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मरीजों से डर नहीं लगता, खाना देखकर दुख होता है: दिल्ली की नर्सों ने जारी किया वीडियो, केजरीवाल सरकार पर सवाल

पिछले चार दिनों से उन्हें ठंडा खाना मिल रहा है। वे खाने को वीडियो में दिखाते हैं और कहते हैं कि उन्हें सिर्फ़ खाने के नाम पर दाल चावल दिया जा रहा है। उनके मुताबिक उन्हें हर टाइम चाहे लंच हो, डिनर हो या कुछ भी हो, उन्हें यही खाना दिया जाता है।

कोरोना संक्रमण से मरीजों की जान बचाने का बीड़ा उठाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में इन दिनों सभी को भगवान नजर आ रहे हैं। मगर क्या हो अगर ये स्वास्थ्यकर्मी ही अस्पतालों में इलाज करने से मना कर दें? या फिर संक्रमित मरीजों के पास आने से इंकार कर दें?

हालाँकि, किसी भी स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा बेवजह इस तरह का रवैया अभी तक किसी भी जगह से बहुत कम देखने को मिला है। मगर, ये जिम्मेदारी तो सरकार की है कि उनकी इस प्रतिबद्धता के बदले उन्हें हर सुविधा मुहैया कराई जाए और उनके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाए। लेकिन दिल्ली सरकार को देखकर लगता है कि वो मरीजों को डॉक्टरों-नर्सों के सहारे और डॉक्टर-नर्सों को भगवान के सहारे छोड़ चुके हैं।

जी हाँ, अभी हाल ही में दिल्ली के अस्पतालों से कुछ ऐसे मामले आए हैं। जिन्होंने दिल्ली सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया है। बीते दिनों जीटीबी अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने एक वीडियो के जरिए अपनी परेशानी बताई। उन्होंने वीडियो में बताया कि वे जीटीबी अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के तौर पर तैनात हैं और उनकी ड्यूटी पिछले कई दिनों और महीने से कोरोना मरीजों के बीच लगी हुई है।

उनका कहना है कि वे अपना घर छोड़-छोड़कर यहाँ ड्यूटी निभा रहे हैं। लेकिन उन्हें इसका दुख नहीं होता। बल्कि दुख उन्हें खाना देखकर होता है। उनकी शिकायत है कि उन्हें खाना अच्छा नहीं मिल रहा। अगर खाना ठीक से नहीं खाएँगे तो इम्यूनिटी कैसे आएगी और कैसे वो ड्यूटी कर पाएँगे।

वे कहते हैं कि महामारी के बीच उन्हें मरीजों से डर नहीं लगता, उन्हें डर खाना देखकर लगता है। वे कहते हैं कि खाना देखते ही उन्हें बहुत दुख होता है कि वो कर्मचारी हैं और उन्हें क्या खाना मिल रहा है। वीडियो देखें तो मालूम चलता है कि इन कर्मचारियों को सुबह में सिर्फ़ 2 ब्रेड और 2 केले दिए जाते हैं। जिससे उनका पेट नहीं भरता।

जीटीबी में तैनात स्वास्थ्यकर्मी कहते हैं कि पिछले चार दिनों से उन्हें ठंडा खाना मिल रहा है। वे खाने को वीडियो में दिखाते हैं और कहते हैं कि उन्हें सिर्फ़ खाने के नाम पर दाल चावल दिया जा रहा है। उनके मुताबिक उन्हें हर टाइम चाहे लंच हो, डिनर हो या कुछ भी हो, उन्हें यही खाना दिया जाता है।

बता दें कि दिल्ली सरकार की लापरवाही को दर्शाती इस वीडियो को सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी इसे शेयर किया है। उन्होंने इस मामले को उजागर करते हुए लिखा है कि दिल्ली में खाना बाँटने का एक और झूठ का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने इसे शेयर करते हुए लिखा कि स्वास्थ्यकर्मी अब भूखे पेट काम करने को मजबूर हैं। क्योंकि दिल्ली सरकार उन्हें खराब खाना दे रही हैं। उनका दावा है कि सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सों तक को इस समय खाना नहीं मिल रहा। लेकिन विज्ञापन के पैसों के दबाव में दिल्ली का मीडिया ये वीडियो नहीं दिखाएगा।

उल्लेखनीय है कि इस घटना ससे पहले एलएनजेपी अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने भी शिकायत की थी। एक स्वास्थ्यकर्मी ने कहा था कि अस्पताल प्रशासन को उनकी कोई परवाह नहीं हैं। वे लगातार उन्हें बिन सुरक्षा उपकरणों के काम करने को मजबूर कर रहे हैं। न ही उन्हें खाना मिल रहा है और न ही सुविधाएँ। इसके अलावा एक डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि कोविड-19 में वे अपनी ड्यूटी पूरा करने के लिए घर नहीं जा रहे हैं, लेकिन यहाँ उन्हें भोजन भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया था कि सुविधाओं के अभाव में उनके सहकर्मी ड्यूटी के दौरान बेहोश हो चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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