अमेरिका के एरिजोना के स्कॉट्सडेल कम्युनिटी कॉलेज के एक प्रोफेसर को क्विज में इस्लाम पर सवाल पूछना भारी पड़ गया। दरअसल प्रोफेसर ने क्विज में मल्टीप्ल चॉइस प्रश्न के तहत इस्लाम पर कुछ सवाल किए थे।
सवालों का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और कॉलेज को इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी माँगनी पड़ी।
रिपोर्टों के अनुसार, क्विज का पहला सवाल था- “इस्लाम में आतंकवाद __ है।” इसके विकल्प थे, “हमेशा वर्जित”, “जिहाद के संदर्भ में उचित”, “अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत उचित” या “हमेशा उचित”। कथित तौर पर इसका सही जवाब ‘जिहाद के संदर्भ में उचित’ बताया गया था।
दूसरा सवाल था, “इस्लामी सिद्धांत और कानून में आतंकवाद को कहाँ बढ़ावा दिया गया है?” इसके विकल्प थे- “इस्लामी सिद्धांत और कानून में आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाता है”, “मदीना छंद”, “मुहम्मद छंद” और “मक्का छंद।” कथित तौर पर इस सवाल का सही जवाब “मदीना छंद” बताया गया था।
क्विज का तीसरा सवाल था, “आतंकवादी किसका अनुकरण करने की कोशिश करते हैं?” इस सवाल के विकल्प थे, “पैगंबर मोहम्मद”, “इब्न तामियाह”, “सद्दाम हुसैन” और “ओसामा बिन लादेन”। इस सवाल का सही जवाब पैगंबर मोहम्मद बताया गया था।
इन्हीं सवालों के बाद, क्विज सेट करने वाले प्रोफेसर को धमकियाँ मिलनी शुरू हो गईं।
Frontpagemag के मुताबिक क्विज में पूछे गए सवालों पर आपत्ति जताने वाले लोगों ने प्रोफेसर और कॉलेज को धमकियाँ देनी शुरू कर दी। जानकारी के मुताबिक मुस्लिम लड़कों ने प्रोफेसर को जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद कॉलेज ने सावर्जनिक रूप से सोशल मीडिया पर माफी माँगी।
कॉलेज ने यह भी कहा कि इन सभी प्रश्नों को हटा दिया जाएगा।
सवाल पूछने वाले प्रोफेसर का काटा था हाथ
4 जुलाई 2010 को केरल के इदुकी जिले के प्रोफेसर टीजे जोसेफ का कट्टरपंथी इस्लामिक समूह पॉपुलर फ्रंट इंडिया के सदस्य नजीब समेत कुछ युवकों ने चाकुओं से उनका दाहिना हाथ काट दिया था। घटना उस समय घटी थी, जब जोसेफ अपने परिवार के साथ चर्च से प्रार्थना कर लौट रहे थे। आरोपित युवकों ने आरोप लगाया था कि जोसेफ ने एक परीक्षा ली थी, जिसमें उन्होंने छात्रों से ईशनिंदा वाले प्रश्न पूछे थे।
जोसेफ पर आरोप लगा था कि उन्होंने मलयालम भाषा में एक विवादित प्रश्नपत्र तैयार किया था, जिससे समुदाय विशेष की मजहबी भावनाएँ आहत हुईं। हालाँकि इस बीच कई लोगों ने उन पर सवाल उठाए और कॉलेज प्रशासन ने उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया था।
तब इस मामले पर वहाँ की शिक्षा मंत्री ने उन्हें कहा भी कि वे चाहें तो यूनिवर्सिटी के ट्रिब्यूनल में अपना मामला दर्ज करवा सकते हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने फैसला किया कि वे कॉलेज के फैसले के ख़िलाफ़ कोई कानूनी कदम नहीं उठाएँगे।
टीजे जोसेफ पर घातक हमले की साजिश रचने और हमलावरों की मदद करने के आरोप में नजीब के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में एनआईए ने 13 लोगों को आरोपित बनाया था।