अभी कुछ दिनों पहले ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फिदायीन हमला हुआ था और अब ज़ी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के आतंकी एक बार फिर से भारत पर पुलवामा जैसे हमले की तैयारी में है।
खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाए गए इनपुट के मुताबिक, दो भारी हथियारों से लैस पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह एलओसी के पास राजौरी जिले से भारत में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे थे। बता दें कि PoK में कोटली आतंकी कैंप से कम से कम पाँच पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादी शामिल हैं और कहा जा रहा है कि हाजी आरिफ नाम के उनके हैंडलर द्वारा समूह को बचाया जा रहा है। उसे हाल ही में राजौरी सेक्टर में सीमा के दूसरी तरफ एलओसी के पास स्पॉट किया गया था।
वहीं जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के छ: आतंकवादियों के एक अन्य समूह को नियंत्रण रेखा पर मोहरा शीद गाँव के पास स्पॉट किया गया है और कहा जा रहा है कि वो भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में था। जानकारी के अनुसार, मसूद अजहर के नेतृत्व वाली आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड और अनंतनाग में एक IED हमले को अंज़ाम देने की योजना बनाई है। बता दें कि इस बार वो अपनी योजनाओं को निष्पादित करने के लिए एक टाटा सूमो एसयूवी का उपयोग कर सकता है।
सुरक्षा बलों को मिले खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, ये आतंकी पाकिस्तान सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप के कुछ सदस्यों के साथ मिले हुए हैं। सुरक्षा एजेंसी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आतंकी सरगना जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर से पुलवामा जैसे आतंकी हमले को अंज़ाम दे सकता है। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है।
यह चेतावनी 7 मार्च को जम्मू में एक बस स्टॉप पर ग्रेनेड हमले को अंजाम देने के कुछ घंटों बाद आई, जिसमें उत्तराखंड के हरिद्वार के एक 17 वर्षीय मोहम्मद शारिक की मौत हो गई और कम से कम 30 अन्य घायल हो गए।
सुरक्षा एजेंसियों ने शाम को जम्मू बस स्टैंड पर ग्रेनेड हमले के सिलसिले में हिजबुल-मुजाहिदीन के सदस्य यासिर अरहान को गिरफ्तार कर लिया और फिर बाद में जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना अपराध कबूल कर करते हुए खुलासा किया कि इस हमले में कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर फारूक अहमद भट्ट उर्फ उमर का हाथ था।