‘विरोधियों के सुतान में, समर्थक भी मैदान में।’ देश में राजनीतिक सरगर्मी का दौर उफान पर है। पिछले तीन दिनों में इस प्रकार की ये लगातार तीसरी निंदनीय घटना सामने आई है। पहली घटना में भाजपा के ही सांसद और विधायक आपस में एक बहस के चलते भिड़ पड़े। दूसरी घटना कल की है जिसमें उत्तराखंड के कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता आपस में एक दूसरे की सुताई कर बैठे। अब ये नया मामला है जिसमें अपने नेताओं की ही तर्ज पर समर्थक भी मैदान में उतरते नजर आए हैं। ये मामला है उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का जिसमें सरकार विरोधी बयान देने पर जनता ने युवक पर हाथ साफ कर दिए।
कल एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ जो असल में बुधवार (मार्च 06, 2019) को हुई एक मारपीट का मामला था। एक टीवी न्यूज चैनल के लिए बुलाए गए युवक को भीड़ ने जमकर कूट दिया। हुआ ये कि TV चर्चा के दौरान एक युवक ने सरकार पर बुनियादी सुविधाओं और रोजगार से सम्बंधित इल्जाम लगाए जिससे नाराज भीड़ ने कैमरे के सामने ही ताबड़तोड़ तरीके से पीट दिया। कहा जा रहा है कि पिटाई करने वाले भाजपा के कार्यकर्ता थे। हालाँकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर सैनी ने इन आरोपों का खंडन किया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने युवाओं के साथ मारपीट की थी। उनका कहना है कि युवक की पिटाई करने उतरे युवा सिर्फ सरकार का समर्थन करने वाले आम लोग थे, जो जज्बात में उग्र होकर मैदान में उतर गए थे।
इंटरनेट पर जारी किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक सरकार पर कटाक्ष करते हुए कह रहा है, “घुसना है तो पाकिस्तान में घुस के दिखाओ। तुम आतंकवादियों को अंदर घुसाते हो।” इसी बात पर वहाँ पर उपस्थित जनता युवक से नाराज हो गई।
This is where it all began. Muzaffarnagar youth Adnan made critical statement against the govt during a debate hosted by @narendrauptv. Moments after, a section of crowd went berserk over Adnan’s remark and began assaulting him with some even calling him a terrorist. pic.twitter.com/AN4fTPhBzd
— Piyush Rai | پیوش رائے (@Benarasiyaa) March 7, 2019
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना मुजफ्फरनगर के कंपनी गार्डन पार्क में हुई, जहाँ बुधवार को पत्रकार नरेंद्र प्रताप द्वारा एक सार्वजनिक चर्चा की मेजबानी की जा रही थी। बाद में ऑनलाइन जारी की गई वीडियो फुटेज में नरेंद्र प्रताप को जनता के सदस्यों से बात करते हुए दिखाया गया है। पत्रकार प्रताप का जनता से सवाल था कि क्या वर्तमान सरकार के तहत उनके जीवन में सुधार हुआ है? जब प्रताप ने युवाओं से अपना पूछा तो पीड़ित युवक ने कहा, “सड़कों की हालत पहले जैसी ही है। बेरोजगारों के लिए कोई अवसर नहीं आए हैं। इसके अलावा, शिक्षा की गुणवत्ता खराब हो गई है।”
पीड़ित युवक के इन बयानों से नाराज भीड़ ने युवक की तब ताबड़तोड़ कुटाई शुरू कर दी, जिससे वह भागने पर मजबूर हो गया। वीडियो में कि लगभग 25 से 30 लोगों ने पीड़ित युवक जमकर हाथ साफ़ किए।
पत्रकार प्रताप ने इस पर कहा, “भीड़ में ऐसे लोग थे, जिन्होंने पीड़ित युवक को बीच में कई बार रोका। इसके तुरंत बाद हाथापाई शुरू हुई और मैं सिर्फ भीड़ को युवक पर हमला करते हुए देखता रह गया।”
इसके बाद यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया। हालाँकि, भीड़ में से ही कई लोगों को युवक को छोड़ने की बात कहते हुए सुना जा सकता है। जिसका मतलब ये है कि भीड़ में सब मारने वाले ही नहीं बल्कि कुछ लोग पीड़ित युवक की सहायता करने के लिए गए थे।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस मामले पर ट्वीटर पर जवाब देते हुए कहा, “उक्त के सम्बन्ध में Co नगर द्वारा अवगत कराया गया कि थाना सिविल लाइन क्षेत्र में हुई उक्त मारपीट की घटना के सम्बन्ध में थाना सिविल लाइन पर पीड़ित के माध्यम से कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है। उसके उपरांत भी उक्त प्रकरण में जाँच कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।”
सरकार के समर्थन और विरोध में जनता को भीड़ बनने से बचना चाहिए। इस प्रकार के कृत्य नेता, जनता और समर्थकों को शोभा नहीं देते हैं। अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र में आवश्यक है और किसी भी बयान पर हाथ छोड़ने के लिए हर समय तैयार रहना अच्छी बात नहीं है।