एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। आज सोमवार (मार्च 11, 2019) को एक अहम बयान देते हुए उन्होंने कहा कि वे आगामी लोकसभा चुनावों में एक उम्मीदवार के तौर पर हिस्सा नहीं लेंगे। तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके पवार के इस ऐलान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएँ तेज़ हो गयी है। लोगों का कहना है कि राज्य में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन होने और मोदी लहर के कारण उन्होंने आगामी चुनाव परिणाम भाँप लिया है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए एनसीपी सुप्रीमो ने कहा:
“मैंने सोचा कि मेरे परिवार के दो सदस्य इस बार चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए मुझे लगा कि यह सही समय है उचित फैसला लेने का। इसलिए मैंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया। मैं पहले के 14 चुनाव लड़ चुका हूं।”
BREAKING- शरद पवार इस बार का लोकसभा चुनाव नहीं लडेंगे! इस बात की घोषणा खुद @pawarspeaks ने आज की! “I felt this is right time to take decision to not contest Lok Sabha Polls, I already have contested 14 times in the past.” -Sharad Pawar pic.twitter.com/Dc9UcUs5nC
— Sumit Awasthi (@awasthis) March 11, 2019
शरद पवार के मढ़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के क़यास लगाए जा रहे थे। राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी के नेताओं ने उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह भी किया था। 78 वर्षीय पवार अभी राज्यसभा के सदस्य हैं। कभी केंद्र सरकार में कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री जैसे अहम पद संभाल चुके पवार पर भाजपा भी काफ़ी आक्रामक हो गई थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दिनों पहले कहा था कि भाजपा राज्य में 2014 के मुक़ाबले एक सीट अधिक जीतेगी और वह सीट होगी- बारामती। ज्ञात हो कि बारामती पवार का गढ़ माना जाता रहा है। वे यहाँ से 1984, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में जीत दर्ज कर चुके हैं। पवार 1967, 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 में बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं।
मोदीजी मागे म्हणाले होते की, ‘शरद पवार जी हवा का रुख भांप लेते है।’ त्यामुळे हवेचा रुख पवारांनी समजून घेतला आहे, हाच आमचा मोठा विजय आहे; माढा मतदारसंघातून माघार घेण्यावरून @CMOMaharashtra यांचा @PawarSpeaks यांना टोला. @abpmajhatv pic.twitter.com/pKsMh8IKW0
— Ritvick AB (@ritvick_ab) March 11, 2019
पवार की बेटी सुप्रिया सुले 2009 और 2014 में बारामती लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कर चुकी हैं। उनके भतीजे अजित पवार ने 1991 में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। इसके अलावा 1991, 1995, 1999, 2004, 2009 और 2014 में अजित पवार बारामती विधानसभा क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अगर पवार चाहते तो मढ़ा या बारामती से चुनाव लड़ सकते थे क्योंकि ये क्षेत्र उनके परिवार का गढ़ रहा है लेकिन उन्होंने पाँव पीछे खींच लिए हैं। पवार ने 2009 में मढ़ा लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। पवार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संस्था आईसीसी और भारतीय क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पवार के इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पवार हवा का रुख पहले ही भाँप लेते हैं और इसी कारण उन्होंने ऐसा ऐलान किया है। बता दें संसद में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने की कामना कर चुके हैं। रविवार (मार्च 10, 2019) को चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान भी कर दिया। महाराष्ट्र में 4 चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएँगे।