तीन तलाक के रोजाना आने वाले मामले यह साबित करते जा रहे हैं कि सामाजिक कुरीतियों से जन्मे अपराध और रूढ़िवादिता पर अंकुश लगाने के लिए क़ानून बना देना मात्र व्यापक समाधान नहीं हो सकता है। केंद्र सरकार द्वारा ‘तीन तलाक’ पर अध्यादेश लाए जाने के बावजूद हैदराबाद से इस तरह का एक मामला सामने आया है।
22 वर्षीय महिला फराह फातिमा का कहना है कि उसके पति ने व्हाट्सएप्प मैसेंजर के जरिए उसे तीन तलाक दिया है। आरोपित पति की पहचान यासीर सिद्दकी के रूप में की गई है जो हैदराबाद के मीर आलम मंडी कर रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में अमेरिका में रह रहा है। शादी प्रमाणपत्र के अनुसार, दोनों की शादी फोन के माध्यम से हुई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, फातिमा के पति ने मोबाइल मैसेंजर व्हाट्सएप्प के जरिए उसे तलाक दे दिया। व्हाट्सएप्प मैसेज मिलने के बाद महिला ने अमेरिका जाने का और अपने पति से मिलने का निर्णय किया, लेकिन जब वह अमेरिका के सैन फ़्रांसिस्को एयरपोर्ट पर पहुँची तो उसे हिरासत में ले लिया गया। इमिग्रेशन ऑथरिटी द्वारा यह जानकारी दी गई है कि अब वह सिद्दकी की पत्नी नहीं रही। यह जानकारी मिलते ही महिला हैरान रह गई।
फातिमा ने बताया कि वह 24 दिनों तक इमिग्रेशन कस्टडी में रही। 12 फरवरी को वह अमेरिका पहुँची थी और फिर 09 मार्च को भारत वापस लौटी। जब उसे फ्लाइट पर लाया गया तो उस समय उसके हाथों व पैरों में जंजीर बाँध दी गई थी।
फातिमा ने आगे बताया कि वह अपने पति के साथ 2 बार अमेरिका गई थी। कुछ महीने पहले जब वह भारत में थी, तब उसे एक संदेश मिला कि वह (पति) उसे (महिला) तलाक दे चुका है। उन दोनों के बीच हुए व्हाट्सएप्प मैसेज में पति ने महिला को कहा था कि यदि वह चाहती है तो उसके खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज करवा सकती है। इस दौरान तलाक को लेकर किसी कागज पर हस्ताक्षर भी नहीं किया गया था।
यासीर सिद्दकी और फ़राह फातिमा दोनों की शादी 3 मार्च 2016 को हुई थी। 1 जून 2016 को तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा जारी किए गए विवाह प्रमाण पत्र के अनुसार दोनों की शादी फोन पर हुई थी। महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति का किसी और महिला के साथ संबध है, जिस वजह से उसने तलाक दिया है।