Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षारूस से लेंगे 12 सुखोई और 21 मिग-29: लड़ाकू विमानों की आपातकालीन खरीददारी को...

रूस से लेंगे 12 सुखोई और 21 मिग-29: लड़ाकू विमानों की आपातकालीन खरीददारी को लेकर वायुसेना का प्रस्ताव

33 लड़ाकू विमानों की खरीद का प्रस्ताव ऐसे समय में बढ़ाया गया है जब सीमा पर चीन के साथ सामरिक संबंध ठीक नहीं चल रहे। सूत्रों के अनुसार वायु सेना पहले से ही इस विकल्प पर काम कर रही है और अब इस प्रक्रिया पर तत्परता से नजर रख रही है।

आपातकालीन खरीद के तहत रूस से 12 सुखोई और 21 मिग-29 खरीदने पर भारत विचार कर रहा है। भारतीय वायु सेना (IAF) ने रूस से 33 नए लड़ाकू विमान लेने के लिए सरकार के एक प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। यह माँग ऐसे समय में की जा रही है, जब सीमा पर भारत और चीन के बीच सामरिक सम्बन्ध ठीक नहीं चल रहे हैं।

भारतीय वायुसेना (IAF) जिन 21 मिग-29 विमानों को खरीदने पर विचार कर रही है, वे रूस के हैं, जिन्होंने वायु सेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। यह माँग ऐसे समय पर की जा रही है, जब लद्दाख क्षेत्र में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के सैनिकों के बीच माहौल संवेदनशील है।

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, सरकारी सूत्रों का कहना है कि वायु सेना कुछ समय से इस योजना पर काम कर रही है, लेकिन वो अब इस प्रक्रिया पर तत्परता से नजर रख रही है और 6,000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्तावों की उम्मीद की जा रही है, जिसे अगले सप्ताह उच्च स्तर पर अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय के समक्ष रखा जाएगा।

इस प्रस्ताव में 12 एसयू -30 एमकेआई का अधिग्रहण शामिल है, जिनकी आवश्यकता विभिन्न दुर्घटनाओं में वायु सेना द्वारा खोए गए विमानों की संख्या को बदलने के लिए होगी। भारत ने अलग-अलग बैचों में 10 से 15 साल की अवधि में 272 Su-30 फाइटर जेट्स के ऑर्डर दिए थे।

गौरतलब है कि हाल ही में गलवान घाटी पर चीन की सेना ने जो धोखा किया, उसके कारण भारतीय सेना ने अपने कम से कम 20 जवान खोए। सीमा पर खड़े चीनी सैनिकों को इस दौरान भारत की ओर से मुँहतोड़ जवाब मिला। नतीजतन उनके कमांडिग ऑफिसर समेत 43 सैनिक मारे गए

हालाँकि, पहले इस झड़प को लेकर मीडिया में स्पष्ट सूचना नहीं आ रही थी। मगर, अब धीरे-धीरे सब साफ हो रहा है। ऐसे में भारतीय वायुसेना द्वारा नए लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण का प्रस्ताव कई तरह की संभावनाओं को जन्म दे रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -