Friday, May 3, 2024
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भगवान राम के ननिहाल में बनेगा माता कौशल्या का भव्य मंदिर, छत्तीसगढ़ में रामायण से जुड़े 9 स्थलों के विकास के लिए ₹134 करोड़

इनमें हरचौकी सीतामढ़ी (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चंपा), तुरतुरिया (बलोदा बाजार), चंदखुरी (रायपुर) राजिम (गरीबन्द), सिहावा-सप्तर्षि आश्रम (धमतारी), जगदलपुर (बस्तर) और रामराम (सुकमा) शामिल है। इन 9 जगहों को विकसित करने के लिए 134.45 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट कॉस्ट रखा गया है।

भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण की शुरुआत बुधवार (अगस्त 5, 2020) को भूमिपूजन के साथ ही हो जाएगी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में कभी राम के अस्तित्व को नकारने वाली कॉन्ग्रेस भी अब खुद को रामभक्त दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। जहाँ एक तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ मंदिर निर्माण का स्वागत कर रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू है।

छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में ही राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या का मंदिर है, जो राम की माता भी हैं। इस हिसाब से इसे राम का ननिहाल भी माना जाता है। अगस्त के तीसरे हफ्ते के बाद से ही चंदखुरी में माता कौशल्या के मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ-साथ सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरू हो जाएगा। आसपास के क्षेत्रों में विकास योजनाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भुवेश बघेल ने बुधवार को अपनी पत्नी के साथ जाकर वहाँ के तैयारियों का जायजा लिया।

प्राचीन मंदिर के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए इसका पुनर्निर्माण करें और पूरे परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए हो रही तैयारियों का जायजा खुद मुख्यमंत्री ने लिया। इसके लिए भूमिपूजन पहले ही किया जा चुका है और अब जब अयोध्या में भूमिपूजन के लिए सरगर्मियाँ तेज हैं, ऐसे समय में चंदखुरी प्रोजेक्ट को गतिशील बनाने का निर्णय लिया गया है। भगवान राम ने वनवास के दौरान भी इस इलाक़े में अच्छा-खासा समय व्यतीत किया था।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि ‘राम वन गमन मार्ग’ योजना के अंतर्गत पूरे राज्य में भगवान राम की वनवास यात्रा के मार्गों को चिह्नित कर उन्हें एक बड़े पर्यटन स्थल नेटवर्क में तब्दील किया जाएगा। इसी क्रम में 15 करोड़ रुपए की लागत से छत्तीसगढ़ स्थित चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को तालाब में पुल और गोलाकार मार्ग बनाने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा:

प्रभु श्री राम के ननिहाल चंदखुरी का सौंदर्य अब पौराणिक कथाओं के नगरों जैसा ही आकर्षक होगा। राजधानी रायपुर के निकट स्थित इस गाँव के प्राचीन कौशल्या मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए, पूरे परिसर के सौंदर्यीकरण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। हमारी महत्वाकांक्षी राम वन गमन पथ विकास परियोजना में शामिल चंदखुरी में यह पूरा कार्य 15 करोड़ 75 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा। योजना के मुताबिक, चंदखुरी में मंदिर के सौंदर्यीकरण तथा परिसर विकास का कार्य दो चरणों में कार्य पूरा किया जाएगा। नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा। बीते 22 दिसंबर को चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए भूमि-पूजन किया गया था।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि चंदखुरी में शौचालयों और धर्मशालाओं की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की जाए। वहाँ ग्रामीणों ने एक राष्ट्रीय बैंक का ब्रांच खोलने की भी माँग की है। साथ ही मंदिर के पास ही एक बाईपास रोड के निर्माण की भी अनुमति दे दी गई है। बता दें कि रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल के रूप में जाना जाता था और ये दण्डकारण्य का एक भाग था।

त्रेता युग में भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में 4 महीने बीता कर वहाँ से लंका के लिए प्रस्थान किया था। उन्होंने हरचौका सीतामढ़ी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया थे। वो गवाई नदी में कोरिया जिले फिर उन्होंने सुकमा स्थित रामराम पहुँचने से पहले 75 जगहों पर डेरा डाला था। इनमें से 9 जगहों को ‘राम वेब गमन पर्यटन परिपथ’ के रूप में चिह्नित कर पहले फेज में पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा।

इनमें हरचौकी सीतामढ़ी (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चंपा), तुरतुरिया (बलोदा बाजार), चंदखुरी (रायपुर) राजिम (गरीबन्द), सिहावा-सप्तर्षि आश्रम (धमतारी), जगदलपुर (बस्तर) और रामराम (सुकमा) शामिल है। इन 9 जगहों को विकसित करने के लिए 134.45 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट कॉस्ट रखा गया है। इस वर्ष के बजट में इसके लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 5 करोड़ रुपए पिछले बजट में जारी किया गया था।

जहाँ तक चंदखुरी की बात है, वहाँ मंदिर के पास स्थित झील के चारों तरफ परिक्रमा के लिए रास्ता भी तैयार किया जाएगा। इस पर एक हाईटेक ब्रिज भी बनेगा। झील के सामने पार्किंग स्थल बनेगा और लाइट-साउंड शो की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही एक फ़ूड जॉइंट भी बनेगा। मंदिर परिसर में व उसके आसपास विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे भी लगाए जाएँगे। भूपेश बघेल पहले भी इस स्थल का दौरा करते रहे हैं।

चंदखुरी में भगवान राम के प्रति लोगों में आस्था का आलम ये है कि हर वर्ष दीपावली के मौके पर लोग पहले कौशल्या माता के मंदिर में दीपक जलाते हैं, उसके बाद ही अपने-अपने घरों में रोशनी करते हैं। ऐसे में सीएम भूपेश बघेल द्वारा वहाँ मंदिर बनवा कर और उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को अयोध्या में मोदी सरकार द्वारा राम मंदिर के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रत्युत्तर के रूप में भी देखा जा रहा है।

इधर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता कमलनाथ 5 अगस्त के दिन होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन से एक दिन पहले भोपाल स्थित अपने आवास पर हनुमान चालीसा का पाठ कराएँगे। इस दिन मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस के तमाम नेता अपने घरों या स्थानीय मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। कमलनाथ ने राम मंदिर के भव्य निर्माण का स्वागत किया था। कहा था कि मंदिर निर्माण हर भारतीय की सहमति से हो रहा है और यह केवल भारत में ही संभव है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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