अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में पूरे देश भर के कई तीर्थ स्थलों से मिट्टी लाइ गई। सम्पूर्ण भारत में कई तीर्थ स्थलों से जल भी यहाँ लाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति वाले इस भूमिपूजन कार्यक्रम में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) स्थित शारदा पीठ से भी पवित्र मिट्टी मँगाई गई। भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण ये आसान नहीं रहा, क्योंकि POK में किसी भारतीय की एंट्री पर प्रतिबन्ध है।
इन सब मुश्किलों के बावजूद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) स्थित शारदा पीठ से मिट्टी लाने का काम एक भारतीय दम्पति ने ही पूरा किया। उसने चीन के पासपोर्ट पर ये कमाल कर दिखाया और हॉन्गकॉन्ग के रास्ते वहाँ की मिट्टी लेकर यहाँ पहुँचा। ये दम्पति मूल रूप से कर्नाटक का निवासी है, जहाँ रामभक्त हनुमान जी का भी जन्म हुआ था। इस दम्पति की तुलना लोग हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाने से कर रहे हैं।
कर्नाटक के वेंकटेश रमन और उनकी पत्नी ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (POK) में स्थित शारदा पीठ से मिट्टी लाकर राम मंदिर भूमिपूजन में समर्पित किया। ये दम्पति चीन में ही रहता है। ‘सेव शारदा पीठ कमिटी’ ने उनसे संपर्क किया था। चूँकि POK में भारतीय नागरिकों के घुसने पर पाबन्दी लगी हुई है, इसीलिए इन दोनों ने चीन के पासपोर्ट पर वहाँ जाकर मिट्टी लाए।
दोनों ने हॉन्गकॉन्ग के रास्ते शारदा पीठ का रास्ता तय किया। वे सीधे POK की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद पहुँचे, जहाँ से वो शारदा पीठ के लिए रवाना हुए। फिर उन्होंने वहाँ से न सिर्फ प्रसाद लिया बल्कि पवित्र मिट्टी भी ली। उन्होंने ‘सेव शारदा पीठ कमिटी’ के सदस्य अंजना शर्मा को मिट्टी सौंपी। उन्होंने बताया कि वे शारदा पीठ के मुख्य पुजारी रवींद्र पंडित के कहने पर अयोध्या पहुँचे हैं।
इतना ही नहीं, ये दम्पति अपने साथ अंजना पर्वत का जल लेकर भी पहुँचा। कर्नाटक स्थित अंजना पर्वत ही हनुमान जी की जन्मस्थली है। उन्होंने बताया कि गोकर्ण से भी पवित्र जल एवं मिट्टी मँगाई गई है। श्रीलंका और नेपाल से जल एवं मिट्टी लाकर यहाँ उपयोग किया गया। बता दें कि शारदा पीठ को हिन्दुओं, खासकर कश्मीरी पंडितों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। नीलम नदी के किनारे स्थित ये स्थल उरी से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
When Sharada Peeth’s Soil From PoK Reached Ayodhya To Be Part Of The Bhoomi Pujan – @bhatinmaaihttps://t.co/znGIirn96l via @swarajyamag
— Aashish Chandorkar (@c_aashish) August 5, 2020
अयोध्या मामले की तरह ही POK स्थित शारदा पीठ का मामला भी कई दशकों से विवादों में है। रवींद्र पंडित का कहना है कि अगर अयोध्या मामला हल हो सकता है तो इसका भी समाधान हो सकता है। उन्होंने करतारपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि भविष्य में यहाँ भी कोई समाधान निकलेगा। कश्मीरी साधु स्वामी नन्दलाल ने वहीं अपना आश्रम बनाया था, लेकिन विभाजन के बाद उन्हें जम्मू कश्मीर के टिक्कर में बसना पड़ा।
IANS में कार्यरत नवनीत मिश्रा ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए POK की मिट्टी भी मँगाने की बात चली। वहाँ 500 साल पुराना प्रसिद्ध शारदा पीठ है। श्रीनगर से करीब 100 KM दूर इस पीठ के पुजारी की भी मिट्टी भेजने की इच्छा थी। लेकिन, संघ परिवार के सामने सवाल था कि मिट्टी मँगाई कैसे जाए? वहाँ तो कोई भारतीय जा नहीं सकता? उन्होंने इस प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए लिखा:
“संघ, VHP, ट्रस्ट ने देश में संचालित शारदा पीठ फाउंडेशन से चर्चा की। फाउंडेशन के अंजना शर्मा ने फिर कमान सँभाली। उन्होंने चेन्नई के मूल निवासी और चीन में बस चुके वेंकटेश रमन से बात की। वेंकटेश रमन इससे पहले कांची और श्रृंगेर मठ को शारदा पीठ की मिट्टी दे चुके थे। POK में चीनी नागरिकों को जाने की छूट के कारण वेंकटेश आसानी से वहाँ जा सकते थे। वेंकटेश ने अंजना शर्मा से कहा- रामकाज का मौका मिलने से बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। वह चीन से हॉन्गकॉन्ग पहुँचे और फिर वहाँ से इस्लामाबाद होते हुए POK की राजधानी मुजफ्फराबाद गए। फिर शारदा पीठ पहुँचे और मंदिर से मिट्टी, प्रसाद लेकर वापस हॉन्गकॉन्ग लौटे। यहाँ से फिर दिल्ली पहुँचे और अंजना शर्मा से भेंटकर उन्हें सब सौंप दिया।”
फिर शारदा पीठ पहुंचे और मंदिर से मिट्टी, प्रसाद लेकर वापस हांगकांग लौटे। यहां से फिर दिल्ली पहुंचे और अंजना शर्मा से भेंटकर उन्हें सब सौंप दिया। फिर अंजना शर्मा शारदा पीठ की पवित्र मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे और ट्रस्ट को मंदिर की नींव में डालने के लिए उपलब्ध कराया।
— Navneet Mishra (@navneetmishra99) August 6, 2020
नवनीत मिश्रा ने जानकारी दी कि अंजना शर्मा शारदा पीठ की पवित्र मिट्टी लेकर अयोध्या पहुँचे और ट्रस्ट को मंदिर की नींव में डालने के लिए उपलब्ध कराया। उन्होंने आशावान होकर कहा कि जब राम मंदिर की मिट्टी लाने के लिए इतना बेहतरीन ऑपरेशन चल सकता है तो फिर लगता है कि मोदी सरकार में एक न एक दिन पीओके भी आएगा। बता दें कि बुधवार (अगस्त 5, 2020) को राम मंदिर का भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ।